संकट दूर करने में जवानों की मदद करना
यहोवा चाहता है कि हम जीवन का उसका अनमोल उपहार का आनन्द उठाएं। उस उद्देश्य से उसने हमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक मात्रा दी ताकि हम हमारे दिल की इच्छाओं को पूर्ण कर सकें। लेकिन कार्य करने की उस आज़ादी के साथ, हम जो भी करते हैं, यहोवा न्यायानुसार हमें उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराता है।—सभो. ११:९.
२ असम्पूर्ण और पापी होने के नाते, हम उस संकट से कैसे बच सकते हैं, जो हमारी जवीन-शैली के परिणामस्वरूप हम पर आ सकता है? (सभो. ११:१०) क्या अनुभवहीन जवानों को भी संकट से बचना सम्भव है? हमारे लिए खुशी की बात है, कि उत्तर है, हाँ। निर्देशन के लिए हमारी आवश्यकता के बारे में यहोवा अच्छी तरह जानता है, और उसने प्रेममय रीति से दोनो जवानों और वयस्कों के लिए सलाह और मार्गदर्शन प्रदान किया है ताकि वे इन अन्तिम दिनों को चिन्हित करनेवाली बढ़ती हुई समस्याओं से सुरक्षापूर्वक निकल सकेंगे।—भजन १९:७; ११९:९; २ तीमु. ३:१.
माता-पिताओं की ज़िम्मेदारी
३ जब संकट आता है, जवानों को उत्तरदायी माता-पिताओं की ज़रूरत है, जो ‘ढ़ीले हाथों और निर्बल घुटनों को सीधा कर सके ताकि लंगड़े की हड्डी उखड़ न जाए पर भला चंगा हो जाए।’ (इब्रा. १२:१२, १३) जीवन की ओर ले जानेवाले मार्ग में स्थिर रहने में अपने बच्चों की मदद करने के लिए, माता-पिताओं को क्रमानुसार अपने बच्चों की विचारणा समंजित करना चाहिए। यह यहोवा की बहुमूल्य आशीष के साथ, सहनशीलता और निपुणता की माँग करता है।
४ माता-पिता अपने बच्चों को पूर्ण रूप से बुरे प्रभावों से दूर नहीं रख सकते। लेकिन कैसे एक बच्चे के मन को मज़बूत किया जा सकता है? ‘प्रभु की शिक्षा देते हुए, उनका पालन-पोषण’ करने के द्वारा। (इफि. ६:४) दूसरी बातों के अलावा, इस में, पारिवारिक अध्ययन, आध्यात्मिक और नैतिक मार्गदर्शन, स्कूल के बाद स्वास्थ्यकर क्रियाकलाप, उचित अनुशासन, और अच्छा पैतृक उदाहरण शामिल है।
५ क्वेस्ट्यन्स यंग पीपल आस्क—आन्सर्स दॅट वर्क पुस्तक जो “ईश्वरीय भक्ति” ज़िला सम्मेलन में प्रकाशित की गयी थी, जवानों की मदद के लिए रची गयी है। यह अपने बच्चों के साथ सही स्तरों के बारे में चर्चा करने के लिए भी माता-पिताओं की मदद करता है। अगर परमेश्वर के नियम प्रभावकारी रुप से एक बच्चे के मन और दिल में बैठाए गए हैं, ये नियम एक नियंत्रक प्रभाव के रूप में कार्य कर सकते हैं। इस नए प्रकाशन के विषयों पर पारिवारिक परिचर्चा, जवानों को संकट से दूर रहने के लिए मज़बूत बना सकती है।
६ १९८९ में जब यह यंग पीपल आस्क पुस्तक प्रकाशित की गयी थी, सम्मेलन वक्ता ने उनका ध्यान उपस्थित जवानों की ओर केंद्रित किया और इस पुस्तक के मूल्य पर विशेष बल दिया। एक पारिवारिक चर्चा के लिए आधार के रूप में उसका उपयोग करने के लिए माता-पिताओं को प्रोत्साहित किया गया था। प्रत्येक अध्याय की समाप्ति में “चर्चा के लिए प्रश्न” इस नाम का एक भाग दिखाई देता है। इन प्रश्नों को उस विषय के प्रत्येक परिच्छेद का विश्लेषण करने के लिए नहीं रचा गया। हर प्रश्न एक या अधिक उपशीर्षकों को पूर्ण करता है। कुछ परिवारों के प्रधान एक सम्पूर्ण अध्याय पढ़ने के बाद प्रश्नों पर विचार करने का निर्णय लेंगे। दूसरे प्रश्नों को आवर्तक रूप से पूछना चाहेंगे, जब सम्बन्धित उपशीर्षकों के नीचे के विषय पढ़े जा चुके हैं।
हमारे क्षेत्र के जवानों की मदद करना
७ हम हमारे क्षेत्र में कई जवानों को पाएँगे। उनके कुछ प्रश्नों के उत्तर इस नयी पुस्तक में है, इसलिए हम जनवरी के दौरान क्षेत्र में यंग पीपल आस्क पुस्तक प्रस्तुत करेंगे। शायद आप एक ऐसा प्रस्तुतीकरण तैयार कर चुके होंगे जो आप उपयोग करना चाहते हैं। या फिर आप कुछ ऐसा कह सकते हैं जैसे नीचे दिया गया है:
८ “बहुधा हम जवानी को हमारे जीवन का सर्वाधिक खुशी का समय समझते हैं। किन्तु दुर्भाग्यवश आज हम कई दुःखी जवानों को देखते हैं। क्या ऐसा नहीं है? [प्रतिक्रिया के लिए अनुमति दें।] बदलते स्तरों से उत्पन्न उलझा हुआ संसार से जवानों पर असर करनेवाली और उनकी खुशी छीननेवाली समस्याएँ आयी हैं। वे कहाँ से विश्वसनीय निदेर्शन पा सकते है? [प्रतिक्रिया के लिए अनुमति दें] ध्यान दें कि भजन ११९:९ में बाइबल क्या सलाह देती है [पढ़ें] क्या सही है, यह सिखाने में माता-पिताओं की ज़िम्मेदारी पर बाइबल विशेष ज़ोर देती है और फिर नीतिवचन १:८ में यह उपदेश देता है। [पढ़ें।] इसके अनुरूप क्वेस्ट्यन्स यंग पीपल आस्क—आन्सर्स दॅट वर्क पुस्तक बाइबल पर आधारित व्यावहारिक मार्गदर्शन से भरी हुई है, और इस में कई सच्चे अनुभव दिए गए हैं, जो यह देखने में जवानों की मदद करेगी कि वे कैसे सफलतापूर्वक भविष्य का सामना कर सकते हैं और ऐसा करने में कैसे खुशी पा सकते हैं। [रुचि उत्तेजित करने के लिए कई अध्याय शीर्षकों को सूचित करें] आप इस सहायक और सुंदर रीति से चित्रित पुस्तक का आनन्द केवल १५ रु. की क़ीमत में उठा सकते हैं।”
९ बाइबल सूचित करती है कि जवानों की उनकी शक्ति विवेकपूर्ण और लाभप्रद लक्ष्यों की ओर केंद्रित करनी चाहिए। यह निश्चित है कि यह पुस्तक बहुतों को असीमित विवेक के स्रोत—बाइबल—की ओर निर्देशित करेगी। अब एक परिपूर्ण जीवन की ओर और एक सुरक्षित भविष्य की ओर जवानों को निर्देशित करने के लिए क्या ही एक मूल्यवान् साधन!—सभो. १२:१.