प्रभावकारी रूप से घर-घर कार्य करना
आज दुनिया भर में “सुसमाचार” का प्रचार किया जा रहा है। (मत्ती २४:१४) यह मुख्यतः घर-घर की सेवकाई के ज़रिये पूरा किया जा रहा है।—प्रेरितों २०:२०, २१.
२ हमारे प्रस्तुतीकरण उन लोगों के लिए वास्तविक अर्थ रखने चाहिए जिन से हम मिलते हैं। अपनी दिलचस्पी के क्षेत्रों में पुरुष, स्त्री, और युवजन में अन्तर होता है। इसलिए ऐसे विभिन्न शास्त्र-संबंधी विषयों के साथ तैयार रहना अच्छा होगा जो संभवतः हमारे क्षेत्र के लोगों को पसंद आ सकते हैं।
३ प्रकाशनों का अच्छी तरह से उपयोग करें: सर्वदा जीवित रहना किताब में विभिन्न विषय हैं जो सब जगह अनेक लोगों को पसंद आने चाहिए। दृष्टांत, जो दोनों तसवीरें और ज़बानी है, प्रभावकारी साधन हैं। यह किताब हृदय को अच्छी लगती है, और लोगों को निर्णय करने, हाँ, अपने विश्वास, आचरण, रवैया, और जीवन-क्रम बदलने की ज़रूरत समझने में मदद करती है। सर्वदा जीवित रहना किताब में पाए गए विषयों से अच्छी तरह वाक़िफ़ होना हमें लोगों के साथ विभिन्न विषयों पर प्रभावकारिता से वार्तालाप करने के क़ाबिल बनाएगा। इससे हमें यह पहचानने में मदद मिलेगी कि गृहस्थ को किस हद तक दिलचस्पी है।
४ सेवकाई में प्रभावकारी होने के लिए, हमें असली निजी दिलचस्पी दिखाने की ज़रूरत है। (फिलि. २:४) वार्तालाप को राज्य के एक ऐसे विषय पर केंद्रित करने का प्रयत्न करें जो उस व्यक्ति और उसकी ज़रूरतों से संबंधित है। उपयुक्त सवालों के ज़रिये उस व्यक्ति की मन की बात निकलवाकर उसकी विचारणा को समझने का प्रयत्न करें। उसके जवाबों को ध्यानपूर्वक सुनें। उसकी टिप्पणियाँ आपको यह पहचानने में मदद कर सकती हैं कि कौनसा विषय उस के लिए दिलचस्प होगा। हम लोगों को राज्य संदेश का मूल्य समझने की मदद करना और इसके बारे में कैसे सीखा जा सकता है दिखाना चाहते हैं। एक दम्पत्ति ने व्याख्या की कि उन्होंने एक बाइबल अध्ययन इसलिए स्वीकार किया कि उन के यहाँ भेंट करनेवाले भाई ने उन में एक सच्ची निजी रुचि दिखायी।
५ अक़सर कार्य किए जानेवाले क्षेत्र में: प्रभावकारिता विकसित करना ख़ास तौर से ऐसे क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण है जहाँ कार्य अक़सर किया जाता है। एक ज़्यादा प्रभावकारी सेवकाई हमें अपना क्षेत्र विस्तारित करने में मदद करती है। (w88 7⁄15 pp. 15-20) हम उस घर में पहले कभी गए ही नहीं हैं, ऐसा दिखावा करने के बजाय, हम गृहस्थ के गत रवैये को क़बूल करके इसे अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं। हम अपनी पिछली भेंट का ज़िक्र करके तब की गयी बातों पर ज़्यादा बता सकते हैं। हमारी राज्य सेवा के पिछले अंकों और रीज़निंग किताब में सुझाए गए प्रस्तुतीकरणों को क्षेत्र की ज़रूरतों के अनुकूल किया जा सकता है।
६ यहोवा सहनशीलता से दरवाज़ा खुला रख रहे हैं ताकि राज्य के आशिषों से अधिक लोग लाभ पा सकें। लोगों के प्रति अपने प्रेम के कारण यीशु की सेवकाई प्रभावकारी थी। (मरकुस ६:३४) उनके सदुदाहरण का अनुकरण करने में क्या हम भरसक कोशिश कर रहे हैं? (१ पत. २:२१) आइए हम घर-घर की सेवकाई में पूरी तरह और प्रभावकारी रूप से हिस्सा लेने से पीछे न हटें।—२ तीम. ४:५.