पुनःभेंट करने की चुनौती
सुसमाचार के प्रचारक होने के नाते, हमें शिष्य बनाने की आज्ञा दी गयी है। (मत्ती २८:१९, २०) इस में पुनःभेंट करना सम्मिलित है। हमारी मसीही सेवकाई के इस अहम भाग के प्रति क्या आपकी एक सकारात्मक दृष्टि है? पुनःभेंट करने में कुशल होना एक प्रेरक चुनौती हो सकती है।—नीति. २२:२९.
२ हर समर्पित मसीही को शिष्य बनाने के कार्य में भाग लेने की ज़िम्मेदारी महसूस होनी चाहिए। इस से शायद यह आवश्यक होगा कि हम कुछ हद तक अपनी निजी सुविधा को छोड़ दें ताकि राज्य की आशा दूसरों को बता सकें। पुनःभेंट से हमें निष्कपट जनों की आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने का सुअवसर मिलता है।
३ दिलचस्पी दिखाए गए सभी स्थानों में वापस जाएँ: राज्य संदेश में दिलचस्पी व्यक्त करनेवाले सभी व्यक्तियों से पुनःभेंट किया जाना चाहिए, भले ही वे हमारे प्रकाशनों को अस्वीकार करें। ऐसे अनेक लोग हैं जो हमारे साथ बाइबल विषयों पर विचार-विमर्श करने में अपनी तत्परता से दिलचस्पी दिखाते हैं। यीशु और प्रेरितों ने दिखाया कि कैसे लोगों के साथ सुस्पष्ट शास्त्र-संबंधी विचार-विमर्श में लग जाने से राज्य संदेश में दिलचस्पी बढ़ायी जा सकती है।—मरकुस १०:२१; प्रेरितों २:३७-४१.
४ हमारा दोबारा भेंट करने का मक़सद एक बाइबल अध्ययन आरंभ करना होना चाहिए। शायद हम गृहस्थ को यह प्रदर्शित कर सकेंगे कि एक गृह बाइबल अध्ययन कैसे संचालित किया जा सकता है। आप यक़ीन कर सकते हैं कि यहोवा मदद के लिए आपकी प्रार्थना के प्रति प्रतिक्रिया दिखाएँगे कि एक ऐसे ईमानदार व्यक्ति को ढूँढ़ निकाल सकें जिसे आप सिखा सकते हैं। उनकी सेवा में आपके गंभीर प्रयासों पर यहोवा आशिष देंगे। क्यों न यहोवा की मदद माँगे और एक बाइबल अध्ययन को आरंभ करना एक लक्ष्य बनाए?
५ ट्रैक्टों का अच्छा उपयोग करें: बाइबल अध्ययनों को आरंभ करने में ट्रैक्टों को प्रभावकारी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। सिर्फ़ आवरण-पृष्ठ पर दी तसवीर पर विचार-विमर्श करने के द्वारा अनेक जन वार्तालाप आरंभ कर सके हैं। गृहस्थ के साथ परिच्छेद को एक-एक करके पढें। जब कोई सवाल पूछा जाता है, अपने आप को व्यक्त करने का आमंत्रण गृहस्थ को दें। शास्त्रवचन को खोलकर देखें और दिखाएँ कि ये कैसे लागू होते हैं। वार्तालाप को फिर उस प्रकाशन की ओर निर्देशित किया जा सकता है जिस में से अध्ययन संचालित किया जा सकता है।
६ रीज़निंग किताब का उपयोग करें: रीज़निंग किताब को इस्तेमाल करके प्रभावकारी पुनःभेंट किए जा सकते हैं। प्रमुख विषयों की सूची और अनुक्रमणिका का पुनरीक्षण करने से आपको ऐसी उपयुक्त मालूमात चुनने में मदद होगी जिस पर आप पिछले वार्तालाप को आगे बढ़ाते समय विचार-विमर्श कर सकते हैं। “अक़सर दुष्प्रयुक्त शास्त्रवचन” विभाग उत्पन्न होनेवाली आपत्तियों से निपटने में उपयोगी हो सकता है। रीज़निंग किताब के पृष्ठ २०४ पर “यहोवा के गवाह बाइबल की अपनी व्याख्या पर कैसे पहुँचते हैं?” के अंतर्गत जैसी मालूमात को इस्तेमाल करने से पायनियर बाइबल अध्ययन आरंभ करने में काफ़ी सफलता की रिपोर्ट करते हैं। वे दिलचस्पी दिखानेवाले व्यक्ति को दिखाते हैं कि हम कैसे बाइबल को ख़ुद अपनी व्याख्या देने देते हैं। यह तरीक़ा सफल रहा है और परिणामस्वरूप अनेक बाइबल अध्ययन आरंभ किए गए हैं।
७ यीशु और प्रेरितों की तरह, हमें यहोवा के भेड़ों में एक सच्ची दिलचस्पी प्रदर्शित करने की ज़रूरत है। (लूका ९:११) लोगों के प्रति प्रेम हमें राज्य की सच्चाइयों को लेकर उनको पहुँचने में मदद करेगी। (२ कुरि. २:१७) दूसरों की आध्यात्मिक ख़ैरियत के वास्ते जब हम अपने आप को अर्पण करने पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं, हम पुनःभेंट करने की चुनौती का सामना कर सकते हैं।