दिलचस्पी दिखानेवालों की परवाह करें
सबसे कहीं ज़्यादा, लोगों की परवाह करने में यहोवा उदार रहा है। उसने हमें न सिर्फ़ भौतिक चीज़ें प्रचुर मात्रा में दी है पर हमारी ज़रूरत और आनंद के लिए उसने आध्यात्मिक चीज़ें भी दी है। वह हमारी इतनी परवाह करता है कि हमारे हृदय के अन्दर की बातों को भी जाँचता है।—भजन १३९:२३.
२ जब यीशु इस पृथ्वी पर था, दूसरों की परवाह करने में उसने अपने पिता का नमूना की पूर्णता से नक़ल की। क्या आपको वह आदमी याद है जिसने यीशु से कहा, “हे प्रभु, यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है”? यीशु ने जवाब दिया, “मैं चाहता हूँ।” (मत्ती ८:१-३) जब यीशु ने एक विधवा को शोक मनाते हुए देखा, उसने क्या किया? उसकी मदद करने के लिए वह रुक गया। (लूका ७:११-१५) दिलचस्पी दिखानेवालों की परवाह करने में क्या आप ज़्यादा सतर्क रह सकते हैं?
३ हमारा पिता, यहोवा, और उसका बेटा, यीशु मसीह, का अनुकरण करने में, हम ने भी दूसरों में निजी दिलचस्पी दिखानी चाहिए। एक सही घर-घर का रेकार्ड रखने से हम ऐसा करते हैं। इस में दिलचस्पी दिखानेवाले व्यक्ति का नाम और सही पता के साथ-साथ प्रारंभिक भेंट में विचार-विमर्श किया गया विषय लिख लेना भी सम्मिलित है। फिर, पुनःभेंट करने से पहले, अच्छी तरह तैयारी करें। अगर हम ने पिछली भेंट पर पत्रिकाएँ दी हैं, शायद हमारी पुनःभेंट किसी एक लेख में व्यक्त किए गए एक ख़ास विचार पर आधारित हो सकती है। ग़ौर करें कि यह कैसे किया जा सकता है।
४ यदि आपने नवम्बर १, १९९२, प्रहरीदुर्ग देकर पृष्ठ ६ पर दिए गए उपशीर्षक “परमेश्वर का अनन्त जीवन का प्रस्ताव” पर ध्यान केंद्रित किया, आप अपनी पुनःभेंट में प्रकाशितवाक्य २१:४ और यूहन्ना १७:३ को विशिष्ट करने की तैयारी कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, प्रकाशितवाक्य २१:४ पढ़ने के बाद, आप शायद पूछना चाहेंगे:
▪ “अनन्त जीवन हम किस तरह पा सकते हैं? [जवाब के लिए समय दें.] जैसे पृष्ठ ७ पर चित्रित किया गया है, वैसी दुनिया में जीवन पाने के लिए, क्या ज़रूरी है, यह जानने के लिए यीशु की बातें सुनें।” फिर यूहन्ना १७:३ पढ़ते हुए विशिष्ट करें कि यहोवा और मसीह का ज्ञान लेने से एक शांतिपूर्ण नए संसार में अनन्तकालीन जीवन पाया जा सकता है। अगर कुछ दिलचस्पी दिखायी जाती है, तो एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन ट्रैक्ट में एक अध्ययन आरंभ करने की कोशिश करें।
५ “दुनिया की आबादी—भविष्य के बारे में क्या?” पर नवम्बर ८, १९९२, अवेक! से एक चुने हुए मुद्दे पर विचार-विमर्श करके शायद आपको एक अच्छा प्रतिक्रिया मिल सकती है। एक पुनःभेंट करते समय, आप शायद अपना विचार-विमर्श भजन ७२:१२, १६ पर आधारित कर सकते हैं।
आप शायद पूछना चाहेंगे:
▪ “आपकी राय में आज दुनिया में खाने की आभासी कमी का हल क्या है?” जवाब स्वीकार करें और फिर कहें: “दिलचस्पी की बात यह है कि यहोवा ने आनेवाले भविष्य में इस समस्या को दुनिया से हटा देने का वादा किया है। [भजन ७२:१२, १६ पढ़ें.] बाइबल उस समय की तरफ़ संकेत करती है जब भोजन और मनुष्य के सभी मामलों का नियंत्रण परिपूर्णता से किया जाएगा और कोई भी व्यक्ति आज की खाने की कमी और बढ़ती हुए दामों की वजह से दुःख-तक़लीफ़ में नहीं होगा।” एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन ट्रैक्ट पर ग़ौर करके अन्य भावी आशिषों को विशिष्ट करें, और फिर इसे एक अध्ययन की तरफ़ ले जाएँ।
६ अगर गृहस्थ के पास हमारा एक प्रकाशन पहले से है, तो क्या? क्यों न इसे एक अध्ययन आरंभ करने के लिए उपयोग किया जाए? अगर यह सर्वदा जीवित रहना किताब है, तो विषय-सूची खोलें और गृहस्थ से यह पूछें कि वह कौनसे एक विषय पर विचार-विमर्श करना पसंद करता है। एक या दो परिच्छेदों पर ग़ौर करके आप एक अध्ययन आरंभ कर सकते हैं।
७ अच्छी तरह तैयारी करके और प्रभावकारी पुनःभेंट करके दिलचस्पी दिखानेवालों की परवाह करने से यह दर्शाया जाता है कि हम परमेश्वर और मसीह के अनुकरण करनेवाले हैं, और चाहते हैं कि जितना हो सके अतना लोग बच जाए।—२ पत. ३:९.