प्रभावकारी पुनःभेंट करके दिलचस्पी को बढ़ाइये
हर अच्छी तरह से तैयार किये गये भाषण में एक दिलचस्पी जगानेवाली प्रस्तावना, एक ज्ञानप्रद मुख्य भाग, और एक उत्प्रेरक समाप्ति शामिल होती है। प्रस्तावना श्रोतागण के ध्यान को आकर्षित करती है, परन्तु मुख्य भाग और समाप्ति के बिना, भाषण अपरिपूर्ण होता। यही सिद्धांत हमारी सेवकाई पर लागू होता है। प्रारंभिक भेंट पर गृहस्वामी की दिलचस्पी जगाना तो अच्छी बात है, परन्तु हमें प्रभावकारी पुनःभेंट करके प्रारंभिक दिलचस्पी को बढ़ाते रहना चाहिए।
२ परमेश्वर क्यों दुःख को अनुमति देता है? वह क्या ही सोच-विचार के योग्य प्रश्न है! क्या आप सहमत नहीं हैं कि आज बहुत से लोगों के मन में यही विषय है? इसलिए, उपरोक्त लेख में, यह सलाह दी गयी थी कि आप प्रारंभिक भेंट की समाप्ति पर यह प्रश्न उठाएं, इस उद्देश्य से कि आप पुनःभेंट करने पर इसका उत्तर देंगे।
३ आप यह कह सकते हैं:
▪“नमस्ते। पिछली बार जब हम ने बात की, तो परमेश्वर द्वारा दुःख को अनुमति देने का विषय उठा था, और मैंने आपके लिए कुछ जानकारी के साथ लौटने का वादा किया था। बहुत से लोग महसूस करते हैं कि यदि परमेश्वर सचमुच हमारे लिए चिन्ता करता है, तो वह दुःख का अन्त करता। शायद आपने भी ऐसा ही महसूस किया हो। [गृहस्वामी को उत्तर देने का समय दीजिए.] बाइबल हमें आश्वासन देती है कि परमेश्वर सचमुच हमारी चिन्ता करता है। [१ यूहन्ना ४:८ पढ़िए.] परमेश्वर ने अच्छे कारणों से अब तक दुःख को रहने दिया है। एक कारण २ पतरस ३:९ में समझाया गया है। [पढ़िये.] दूसरे कारण इस ब्रोशर में प्रस्तुत किये गये हैं।” फिर हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? ब्रोशर के पृष्ठ १०-१२ पर जाइये और दिलचस्पी के एक मुद्दे पर विचार-विमर्श कीजिए।
४ हो सकता है कई गृहस्वामी अधिक पूर्ण स्पष्टीकरण में दिलचस्पी रखें, और शायद कई पुनःभेंट की ज़रूरत पड़े, इससे पहले कि वे उत्तर से पूरी तरह संतुष्ट हों। जनवरी के दौरान प्रस्तुत होनेवाले सोसायटी के कई पुरानी १९२-पृष्ठ वाली जिल्दबद्ध पुस्तकों में एक अध्याय शामिल है जिसे इस विषय पर अतिरिक्त विचार-विमर्श करने के आधार के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
५ जैसे आप विचार-विमर्श को समाप्त करते हैं, एक और प्रश्न उठाएं और गृहस्वामी को बताएं कि जब आप लौटेंगे तब उसको कुछ दिलचस्प जानकारी देने में आपको खुशी होगी। बहुत से लोग जानना चाहेंगे कि मृत्यु के समय एक व्यक्ति का क्या होता है। क्यों न उचित समय पर उस विषय पर विचार-विमर्श करने का प्रबंध करें?
६ तीन बुनियादी सिद्धांतों को मन में रखना आपके लिए लाभदायक होगा। नम्य बनिए। शायद गृहस्वामी को बाइबल विचार-विमर्श के लिए एक निश्चित समय अलग से रखने की आदत न हो। संक्षिप्त होइये। पहले-पहल ज़्यादी देर तक न रुकिए और न बहुत सारे मुद्दों पर बात कीजिए। ज़्यादातर स्थितियों में, यदि आप कम समय में कुछ ही मुद्दों को पूरा करें, तो आपकी भेंटों के प्रति अधिक अनुकूल प्रतिक्रया होगी। स्नेही तथा मैत्रीपूर्ण बनिए। गृहस्वामी को दिखाइये कि आप व्यक्तिगत रूप से उस में एक व्यक्ति के तौर पर दिलचस्पी रखते हैं।
७ गृहस्वामी को शास्त्रीय वार्तालाप में लगाना ही हमारा तात्कालिक उद्देश्य है। फिर हम एक उपयुक्त प्रकाशन, जैसे कि सर्वदा जीवित रहना पुस्तक, में से एक उत्पादनकारी गृह बाइबल अध्ययन शुरू करना चाहते हैं। यदि आप धीरज से प्रभावकारी पुनःभेंट करके प्रारंभिक दिलचस्पी को बढ़ाएंगे, तो वह आनन्द आपका हो सकता है।