अर्थपूर्ण पुनःभेंटों के द्वारा वृद्धि को प्रोत्साहित कीजिए
दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों की मदद करने के लिए, यह अत्यावश्यक है कि नियमित पुनःभेंटों के द्वारा हम आध्यात्मिक भोजन के प्रवाह का प्रबंध उनके लिए निरंतर करते रहें। हमारी भेंटें प्रगतिशील रूप से उनकी आध्यात्मिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगी। (१ कुरि. ३:६-९) लेकिन, हमारी भेंटों के अर्थपूर्ण होने के लिए, यह ज़रूरी है कि हम उस व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए, पहले से ही तैयारी करें।
२ जिनके पास हमने ट्रैक्ट छोड़ा है उन से पुनःभेंट करें: एक व्यस्त गृहस्वामी के पास पहली भेंट में शायद सिर्फ़ शांतिपूर्ण नए संसार ट्रैक्ट छोड़ा गया था।
चर्चा किए गए विषय पर संक्षिप्त रूप से पुनर्विचार करने के बाद, हम ऐसा कुछ पूछ सकते हैं:
▪“कौन-सी सरकार इन परिवर्तनों को ला सकती है? [टिप्पणी के लिए रुकिए.] बेशक आप भी ऐसी परिस्थितियों में जीने का आनन्द लेंगे। ऐसी परिस्थितियों का हम व्यक्तिगत रूप से कैसे आनन्द ले सकते हैं?” उसके बाद “कैसे यह आप के लिए संभव है” उपर्शीषक के नीचे दिए गए विषय पर विचार किया जा सकता है। इस भेंट पर, सर्वदा जीवित रहना किताब के अध्याय ३०, “सर्वदा जीवित रहने के लिए आपको क्या करना चाहिये,” की ओर ध्यान आकर्षित किया जा सकता है। हम पहले दो अनुच्छेदों की चर्चा कर सकते हैं और फिर सवाल पूछ सकते हैं: “परमेश्वर के बारे में सीखने का हम पर कैसा प्रभाव होना चाहिए?” किताब प्रस्तुत की जा सकती है और सवाल का जवाब देने और अगली भेंट पर विषय की और अधिक चर्चा करने के लिए प्रबंध किए जा सकते हैं।
३ जिनके पास हमने “सर्वदा जीवित रहना” किताब दी है उन से पुनःभेंट करते वक्त, हम कह सकते हैं:
▪“पिछली बार जब मैंने भेंट की थी, हमने मानवजाति के सम्मुख अनेक समस्याओं और परमेश्वर उनके बारे में क्या करने की प्रतिज्ञा करता है इसकी चर्चा की थी। सवाल उठा था कि परमेश्वर ने इतनी लंबी अवधि तक दुष्टता को क्यों अनुमति दी है। जिस किताब को आपने लिया उसके अध्याय ११ में एक दिलचस्प जवाब है।” यदि सुविधाजनक हो तो गृहस्वामी से अपनी प्रति लाने के लिए कहिए। कुछेक अनुच्छेदों पर विचार करने के बाद, हम पूछ सकते हैं: “परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं से लाभ प्राप्त करने के लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है?” अध्याय १५ में, पृष्ठ १२७ पर दिया विषय, “परमेश्वर की सरकार की एक प्रजा बनना,” अगली भेंट पर चर्चा के लिए विशिष्ट किया जा सकता है।
४ जिनके पास हमने पत्रिकाएँ छोड़ी हैं उन से पुनःभेंट करना: यदि आपने एक विशेष लेख को चुना जो गृहस्वामी को पसंद आया, जब आप लौटते हैं तो लेख से अतिरिक्त मुद्दों को विकसित कीजिए, और अपनी टिप्पणियों को एक मूल शास्त्रवचन और उसकी चर्चा करनेवाले विषय पर केंद्रित कीजिए। यदि दिलचस्पी जारी रहती है, तो पत्रिकाओं के लाभों की चर्चा कर सकते हैं। साथ ही, पत्रिका के अगले अंक की ओर ध्यान आकर्षित किया जा सकता है यदि उसमें एक ऐसा लेख है जो उसी विषय पर चर्चा करता है। अन्यथा, हम सर्वदा जीवित रहना किताब में उस विषय पर दी गयी जानकारी की ओर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और हमारी अगली भेंट पर उसकी चर्चा करने के प्रबंध कर सकते हैं।
५ हमारा अर्थपूर्ण पुनःभेंटों के साथ आख़िर तक उत्साह से कार्य करने में व्यक्तिगत दिलचस्पी दिखाना लोगों के लिए और यहोवा के लिए हमारे प्रेम को प्रदर्शित करेगा। (यूह. १३:३४, ३५) ऐसा हो कि हम नियमित और अर्थपूर्ण पुनःभेंटों के द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों की आध्यात्मिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना जारी रखें।