नम्र लोगों के लिए सुसमाचार
हम सन्निकट न्याय के समय में जी रहे हैं। (यहे. ९:५, ६) यह अत्यावश्यक है कि सब जगह नम्र लोग सतर्क किए जाएँ ताकि जो आनेवाला है उसकी वे तैयारी कर सकें। अपनी प्रेममय-कृपा से, यहोवा ने “नम्र लोगों को सुसमाचार सुनाने के लिए” अपने लोगों को नियुक्त किया है। (यशा. ६१:१, २, NW) हमारी पत्रिकाएँ इस सुसमाचार को चारों ओर घोषित करने में हमारी मदद करती हैं।
२ प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! ठोस आध्यात्मिक भोजन प्रदान करती हैं जो हमें बलवन्त और प्रेरित करता है। प्रहरीदुर्ग नम्र लोगों को इस सुसमाचार से सांत्वना देती है कि परमेश्वर का राज्य शीघ्र ही इस पृथ्वी को एक परादीस में परिवर्तित करेगा। सजग होइए! एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित नए संसार की सृजनहार की प्रतिज्ञा पर विश्वास बढ़ाती है। इन पत्रिकाओं का विस्तृत वितरण नम्र लोगों तक इस सुसमाचार को पहुँचाने के सबसे तेज़ तरीक़ों में से एक है। नवीनतम अंकों में हम वार्तालाप के किन मुद्दों को विशिष्ट कर सकते हैं?
३ जहाँ उपयुक्त हो वहाँ लेख “दैनिक बाइबल पठन से लाभ प्राप्त करना” की ओर ध्यान आकर्षित करने और यह सवाल पूछने के द्वारा आप मई १ की “प्रहरीदुर्ग” को पेश कर सकते हैं:
▪“आपके विचार से बाइबल को पढ़ने से हम क्या फ़ायदा प्राप्त कर सकते हैं? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] बाइबल स्वयं रोमियों १५:४ में इस सवाल पर तर्क करने में हमें मदद देती है। [रोमियों १५:४ पढ़िए।] अनेक लोगों के पास, ख़ासकर जिनकी गिरजा पृष्ठभूमि हैं, एक बाइबल है, लेकिन कुछ लोग ही उसे नियमित रूप से पढ़ने के लिए समय निकाल पाते हैं। हम विश्वास करते हैं कि भविष्य के लिए एकमात्र निश्चित आशा बाइबल में पाई जाती है, और यदि हम इसे पढ़ें तो हमें लाभ प्राप्त होगा।” अतिरिक्त उपयुक्त टिप्पणियाँ कीजिए और फिर पत्रिकाओं को पेश कीजिए।
४ मई १५ की “प्रहरीदुर्ग” एक दिलचस्प लेख प्रस्तुत करती है जिसका शीर्षक है: “हमारे पूर्वजों के लिए नया जीवन।” आप शायद इस प्रस्तावना से दिलचस्पी जगा सकते हैं:
▪“अनेक लोगों ने अकसर विचार किया है कि उनके पूर्वज कैसे थे। क्योंकि वे मर चुके हैं अधिकतर लोग यह निष्कर्ष निकालते हैं कि हम कभी नहीं जानेंगे। आपके विचार से क्या कोई संभावना है कि हम अपने पूर्वजों को कभी जान सकेंगे?” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। यूहन्ना ५:२८, २९ पढ़िए, और समझाइए कि परमेश्वर ने कैसे वचन दिया है कि उन्हें एक परादीस पृथ्वी पर नया जीवन देगा।
५ एक सवाल पूछने के द्वारा आप मई ८ की “अवेक!” को पेश कर सकते हैं:
▪“आपके विचार से जीवन को वास्तव में जीने योग्य बनाने के लिए किस बात की ज़रूरत है?” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। पृष्ठ २६ पर “जीवन का अर्थ क्या है?” लेख का ज़िक्र कीजिए, और सुलैमान ने जो सभोपदेशक २:११ में कहा उसे पढ़िए। फिर अध्याय १२, आयत १३ में दी गई उसकी सलाह को दिखाइए। गृहस्वामी को पत्रिका स्वीकार करने के लिए आमंत्रित कीजिए।
६ यदि आप मई १४ से पहले पत्रिकाओं के साथ कार्य कर रहे हैं, तो निश्चित कीजिए कि आप राज्य समाचार क्र. ३४ की प्रतियों को साथ ले जाएँ और जिसने भी एक प्रति प्राप्त नहीं की है उसे वह पेश करें। अपने साथ पत्रिकाएँ हमेशा रखिए और हर समय, अनौपचारिक गवाही के समय भी, उन्हें पेश करने के लिए तैयार रहिए। हमें हमेशा अपने साहित्य को बाँटने के लिए तैयार रहना चाहिए, यह समझते हुए कि यह परिवार में दूसरों द्वारा और साथ ही शायद उन्हें भेंट करनेवाले मित्रों द्वारा भी पढ़ा जाएगा। (१ तीमु. ६:१८) हम जो सुसमाचार नम्र लोगों तक लाते हैं वह उनके जीवन बचा सकता है।—१ तीमु. ४:१६.