उन्हें फिर से सेवा करने के लिए मदद दीजिए
अपने संगी मसीहियों के लिए एक संभव आध्यात्मिक ख़तरे को पहचानते हुए, प्रेरित पौलुस ने लिखा: “अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है।” (रोमि. १३:११) पौलुस अपने उन भाइयों के बारे में चिन्तित था जो आध्यात्मिक रूप से उनींदे हो गए थे; वह उन्हें नवीकृत गतिविधि के लिए नवजीवन प्रदान करने के वास्ते उत्सुक था।
२ वाक़ई यह कहा जा सकता है कि इस पुराने संसार की रात बीतने पर है और नए संसार का भोर बस होने ही वाला है। (रोमि. १३:१२) हमारे पास अच्छा कारण है कि अपने उन भाइयों के बारे में चिन्तित हों जिन्होंने सुसमाचार के प्रचारकों के तौर पर हमारे साथ संगति करना छोड़ दिया है। केवल भारत में, पिछले सेवा वर्ष में २३० से अधिक प्रकाशकों को फिर से सक्रिय किया गया। हम दूसरे निष्क्रिय व्यक्तियों को फिर एक बार यहोवा की सेवा करने के लिए कैसे मदद दे सकते हैं?
३ प्राचीन जो कर सकते हैं: अधिकांश व्यक्ति जो निष्क्रिय हैं उन्होंने सत्य को त्यागा नहीं है; उन्होंने केवल निरुत्साह, व्यक्तिगत समस्याओं, भौतिकवाद, या जीवन की अन्य चिन्ताओं के कारण प्रचार करना छोड़ दिया है। (लूका २१:३४-३६) यदि संभव हो, तो यह कहीं बेहतर है कि उनके निष्क्रिय होने से पहले उनकी मदद करें। जब एक प्रकाशक सेवा गतिविधि की रिपोर्ट देने में अनियमित हो जाता है तो कलीसिया सचिव को कलीसिया पुस्तक अध्ययन संचालक को चौकस करना चाहिए। एक रखवाली भेंट के लिए प्रबन्ध किए जा सकते हैं। उनको समस्या का मूल कारण और कैसे सहायता दी जा सकती है, यह तय करने की कोशिश करनी चाहिए।—सितम्बर १५, १९९३ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी), पृष्ठ २०-३ देखिए।
४ दूसरे कैसे मदद कर सकते हैं: हम में से अधिकांश किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो निष्क्रिय हो गया है। वह शायद एक ऐसा व्यक्ति हो जो अतीत में हमारा बहुत ही क़रीबी मित्र था। हम मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं? क्यों न एक संक्षिप्त भेंट करने के लिए उनसे मिलने जाएँ। उन्हें बताइए कि आपको उनकी संगति की कमी महसूस होती है। प्रसन्नचित्त और सकारात्मक रहिए। यह संकेत किए बिना कि वह आध्यात्मिक रूप से बीमार है अपनी चिन्ता व्यक्त कीजिए। प्रोत्साहक अनुभव या कलीसिया द्वारा किए जा रहे दूसरे अच्छे कार्यों के बारे में बताइए। उत्साह के साथ उसे “ईश्वरीय शान्ति के संदेशवाहक” ज़िला अधिवेशन के बारे में बताइए, और उपस्थित होने के लिए उसे प्रोत्साहन दीजिए। कलीसिया के साथ फिर से संगति करना शायद उसे किसी और बात से ज़्यादा मदद दे। उसके साथ सभाओं में जाने का प्रस्ताव रखिए। आपको जो प्रतिक्रिया मिली उसके बारे में प्राचीनों को बताइए।
५ जब एक व्यक्ति जो निष्क्रिय हो चुका है सभाओं में वापस आता है, तो संभव है कि जिन दूसरे व्यक्तियों को वह पहले से जानता है उनका सामना करते वक़्त वह अटपटा महसूस करेगा। यह मत पूछिए, “कहाँ थे आप?” इसके बजाय, उसका स्वागत कीजिए। उसे बातचीत में शामिल कीजिए। उसे उन लोगों से मिलाइए जिन्हें वह नहीं जानता। सभा के दौरान उसके साथ बैठिए, यह निश्चित कीजिए कि उसके पास गीत-पुस्तक और अध्ययन की जा रही सामग्री है। उसे वापस आने का प्रोत्साहन दीजिए, और अगर ज़रूरत हो तो सहायता करने का प्रस्ताव रखिए।
६ जो भटक गए हैं उनके लिए हार्दिक स्नेह रखते हुए, यहोवा और यीशु आनन्दित होते हैं जब ऐसे व्यक्ति आध्यात्मिक स्वास्थ्यलाभ को प्राप्त करते हैं। (मला. ३:७; मत्ती १८:१२-१४) अगर हम दूसरों को फिर से यहोवा की सेवा करने में मदद देने में सफल हों तो हम उसी आनन्द का अनुभव कर सकते हैं।