माता-पिताओ—अपने बच्चों को प्रचार करने के लिए प्रशिक्षित कीजिए
हमारी कलीसियाओं में ऐसे कई बच्चे हैं जो परमेश्वर की सेवा करने की सच्ची इच्छा रखते हैं। (सभो. १२:१) ये उनमें शामिल हैं जिन्हें यहोवा ने अपनी महिमा करने के लिए आमंत्रित किया है। (भज. १४८:१२-१४) इसलिए, माता-पिता अपने बच्चों को जो दैनिक प्रशिक्षण देते हैं, उसमें यह निर्देशन शामिल होना चाहिए कि राज्य-प्रचार कार्य में वे अपना विश्वास दूसरों के साथ कैसे बाँटें।—व्यव. ६:६, ७.
२ बच्चों को प्रगतिशील रूप से प्रशिक्षित कीजिए: सेवकाई में अपने माता-पिता के साथ जाने के लिए बच्चों को बहुत छोटी उम्र से ही प्रशिक्षित करना उचित है। सेवा में जाने से पहले, अपने बच्चों को अर्थपूर्ण भाग लेने के लिए तैयार कीजिए। पहले से ही निर्धारित कीजिए कि आप उनसे दरवाज़े पर क्या करने की अपेक्षा करते हैं। बहुत छोटे बच्चे ट्रैक्ट और परचे दे सकते हैं और लोगों को राज्यगृह आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। जो बच्चे अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं, उन्हें दरवाज़े पर शास्त्रवचन पढ़ने के लिए कहा जा सकता है। एक संक्षिप्त प्रस्तुति का इस्तेमाल करते हुए, वे पत्रिकाएँ पेश कर सकते हैं। जैसे-जैसे वे अनुभव प्राप्त करते हैं, उन्हें अपनी प्रस्तुति में बाइबल का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दीजिए। कई युवा प्रकाशकों ने अपना ख़ुद का पत्रिका मार्ग तैयार किया है और वे नियमित रूप से पुनःभेंट करते हैं। एक बच्चे के लिए यह सबसे अच्छा होगा कि वह एक अन्य बच्चे के बजाय किसी वयस्क के साथ काम करे। वह वयस्क गृहस्वामी को समझा सकता है कि बच्चे को सेवकाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
३ एक छोटी बच्ची ने प्राचीनों से उनकी मदद माँगी ताकि वह एक राज्य प्रकाशक बन सके। हालाँकि वह उस समय केवल पाँच साल की थी और पढ़ना नहीं जानती थी, फिर भी वह दरवाज़ों पर राज्य संदेश को प्रभावकारी रूप से प्रस्तुत कर सकती थी। उसने याद कर लिया था कि कौन-सा शास्त्रवचन कहाँ पर है, फिर वह उसी जगह खोलती, गृहस्वामी को पढ़ने के लिए कहती, और बाद में ख़ुद उसे समझाती।
४ माता-पिता को अपने उदाहरण से भी बच्चों को यह सिखाना कि सेवकाई में नियमित रूप से भाग लेने के लिए एक अच्छी समय-सारणी रखने का क्या महत्त्व है। माता-पिताओं को सेवा के लिए एक नियमित साप्ताहिक नित्यक्रम तैयार करने और उस पर बने रहने की ज़रूरत है, ताकि बच्चों को मालूम रहे कि सप्ताह का कौन-सा समय हमेशा प्रचार कार्य के लिए अलग रखा गया है।
५ जब बच्चों को कच्ची उम्र से ही सेवकाई से प्रेम करने और उसका आनंद उठाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, तो वे भविष्य में और बड़े विशेषाधिकार पाने की कोशिश करने के लिए प्रेरित होंगे, शायद पायनियर सेवा के लिए भी। (१ कुरि. १५:५८) हम सभी को चाहिए कि हमारे बीच जो बच्चे हैं उनको यहोवा के स्तुतिकर्ता के रूप में अच्छी प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करें।