हम लोगों को अच्छी खबर सुनाते हैं
यह हमारे लिए कितने सम्मान की बात है कि हमें “अच्छी बातों का सुसमाचार” सुनाने का काम सौंपा गया है। (रोमि. 10:15) हमारे पास एक ऐसा संदेश है जिसे सुनकर परेशानियों से घिरे या निराशा में डूबे लोगों को भी जीने की आशा मिल सकती है। लेकिन इन लोगों को साक्षी देते वक्त हम उन्हें यह कैसे समझाएँगे कि हमारा संदेश वाकई “भलाई का शुभ सन्देश” है?—यशा. 52:7, NHT.
2 शुभ संदेश सुनाइए: प्रचार में लोगों को अगर हम परमेश्वर से मिलनेवाली शानदार आशीषों के बारे में बताएँगे, तो वे ज़्यादा अच्छी तरह हमारी बात सुनेंगे। इसलिए प्रचार में हम लोगों से क्या कहेंगे और उन्हें कौन-सी किताब या पत्रिका देंगे, इसकी तैयारी करते वक्त हम अपने संदेश की अच्छी बातों पर ध्यान देंगे। बाइबल से हमें जो आशा मिली है, उसे लोगों को सुनाते वक्त अगर हम पूरे विश्वास और जोश के साथ बात करेंगे तो हमें बहुत अच्छे नतीजे मिलेंगे।—नीति. 25:11.
3 प्रचार में जब लोग हमें बताते हैं कि वे दुनिया के बिगड़ते हालात के किस तरह शिकार हुए हैं, तब हम उनसे हमदर्दी ज़रूर रखेंगे और खासकर उन्हें यह बताएँगे कि सिर्फ परमेश्वर का राज्य ही इंसान की सभी समस्याओं का सही मायनों में हल कर सकता है। जब हम उनसे यहोवा के “पलटा लेने के दिन” की बात करेंगे, तब हम उन्हें यह दिखाना चाहेंगे कि यह भी दरअसल ‘नम्र लोगों के लिए सुसमाचार’ है। (यशा. 61:1, 2, NW) हम उन्हें यकीन दिला सकते हैं कि यहोवा जो कुछ करेगा, वह हमारी भलाई के लिए ही होगा जिससे हमें बहुत खुशी मिलेगी।
4 खुशी से सच्चाई पेश कीजिए: लोगों से बात करते वक्त, अगर हमारे चेहरे पर खुशी होगी और हम पूरे यकीन के साथ बात करेंगे, तो लोग हमारी बात को ध्यान से सुनेंगे। अगर हमारी बातचीत में यह बात साफ नज़र आएगी कि हम एक उज्जवल भविष्य पाने की आशा रखते हैं, तो हमारे सुननेवाले भी समझ पाएँगे कि हम “आशा में आनन्दित” हैं। (रोमि. 12:12) इस तरह ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग सुसमाचार सुनना और उसके मुताबिक काम करना चाहेंगे। हम चाहे घर-घर जाते हों या किसी और तरीके से प्रचार करते हों हमें हमेशा खुश नज़र आना चाहिए क्योंकि हमारे पास खुश होने के कारण हैं।
5 हम सुसमाचार के प्रचारक हैं और हमारा काम सिर्फ लोगों को जानकारी देना नहीं है। हम प्रचार के ज़रिए लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि वे अभी और भविष्य में भी ज़रूर एक बेहतर ज़िंदगी पाएँगे। (1 तीमु. 4:8) जब हम मन में खुश होंगे तो लोगों को साक्षी देते वक्त हमारी बातों में वह खुशी झलकेगी। तब लोग सुसमाचार पर अच्छी तरह ध्यान देंगे। आइए हम इस बात पर ध्यान दें कि हम लोगों को कौन-सी बातें बताते हैं और किस तरीके से बताते हैं। अगर हम ऐसा करते हैं, तो जो लोग सच्चाई की तलाश करते हैं वे उन अच्छी बातों को स्वीकार करेंगे जिनका हम प्रचार करते हैं!