अच्छे पड़ोसी बनिए और गवाही दीजिए
यीशु ने कहा, “तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।” (मत्ती 22:39) बेशक, आप सच्चाई में अपने भाई-बहनों ‘के साथ भलाई करते हैं,’ मगर क्या आप अपने प्यार में उन लोगों को भी शामिल कर सकते हैं जो आपके पास-पड़ोस में रहते हैं? (गल. 6:10) वह कैसे?
2 अपना परिचय देने से: क्या आपके पड़ोसी जानते हैं कि आप एक साक्षी हैं? अगर नहीं, तो क्यों न आप प्रचार के दौरान उनसे मिलने जाएँ? इसका नतीजा देखकर शायद आप हैरान रह जाएँगे! या अगर आपको लगता है कि अनौपचारिक तरीके से बात करना आपके लिए ज़्यादा आसान है तो इसी तरीके से उन्हें साक्षी देने की कोशिश कीजिए। जब आप घर से बाहर निकलते हैं, तो आप शायद उन्हें अपने आँगन में काम करते या सड़क पर टहलते देखें। एक मीठी मुस्कान से उनसे मिलिए। आप क्या विश्वास करते हैं यह बताइए, यह भी बताइए कि किंगडम हॉल कहाँ है, वहाँ क्या-क्या होता है और आपके पड़ोसियों में से और कौन वहाँ जाता है। उन्हें सभाओं में आने का न्यौता दीजिए। सुसमाचार के बारे में, अपनी जान-पहचान के हर व्यक्ति को अच्छी गवाही देने की ठान लीजिए।—प्रेरि. 10:42; 28:23.
3 अपने अच्छे चालचलन से: आपका दोस्ताना व्यवहार ही आपके बारे में बहुत कुछ कह देगा और शायद इससे साक्षी देने का रास्ता भी खुल जाए। आपका अच्छा व्यवहार ‘परमेश्वर के उपदेश की शोभा’ भी बढ़ाता है। (तीतु. 2:7, 10) अपने पड़ोसियों में सच्ची दिलचस्पी लीजिए। मिलनसार बनिये और लिहाज़ दिखाइए। बिन-बुलाए मेहमान मत बनिए और पड़ोस में शोर-शराबा मत कीजिए। अगर कोई पड़ोसी बीमार पड़ जाए तो उनका ध्यान रखिए और मदद करने के लिए आगे आइए। जब पड़ोस में कोई नया परिवार आता है तो कुछ देर रुककर उनका अभिवादन कीजिए। ऐसे भलाई के कामों का अच्छा असर होता है और ये यहोवा को भी अच्छे लगते हैं।—इब्रा. 13:16.
4 अपने घर की साफ-सफाई से: एक अच्छा पड़ोसी होने के लिए यह भी ज़रूरी है कि आप अपने घर की अच्छी देखभाल करें ताकि यह अच्छी हालत में रहे। साफ-सुथरा मकान और आकर्षक आँगन अपने आप में ही एक साक्षी है। लेकिन अगर एक घर गंदा है और टूटी-फूटी पुरानी चीज़ें इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं तो यह देखकर कोई भी राज्य के संदेश की तरफ हरगिज़ आकर्षित नहीं होगा। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपने घर, आँगन को साफ-सुथरा और अपनी गाड़ियों को अच्छी हालत में रखें।
5 मसीही कलीसिया से बाहर के लोगों के लिए लिहाज़ दिखाने से आप अपने पड़ोसियों के लिए प्रेम ज़ाहिर करते हैं। इसका नतीजा क्या हो सकता है? हो सकता है कि उनमें से कुछ ‘हमारे भले कामों को देखकर,’ “परमेश्वर की महिमा करें।”—1 पत. 2:12.