तन-मन लगाकर कटनी का काम कीजिए
यहोवा के प्राचीन भविष्यवक्ताओं और खुद यीशु मसीह ने इकट्ठे किए जाने के काम की चर्चा की। (यशा. 56:8; यहे. 34:11; यूह. 10:16) राज्य का सुसमाचार सारी दुनिया में प्रचार किया जा रहा है, और इसके ज़रिए इकट्ठे किए जाने का यह काम पूरा हो रहा है। (मत्ती 24:14) परमेश्वर की सेवा करनेवालों और न करनेवालों के बीच का फर्क दिन-ब-दिन और भी साफ नज़र आ रहा है। (मला. 3:18) हमारे लिए इसका क्या मतलब है?
2 हमारी ज़िम्मेदारी: हम पौलुस की मिसाल से सीख सकते हैं, जो प्रचार के काम को आगे बढ़ाने में जी-जान से लगा हुआ था। वह प्रचार करने को एक ऐसा कर्ज़ मानता था जिसे चुकाने की ज़िम्मेदारी उस पर थी, ताकि सभी लोगों को सुसमाचार सुनने और उद्धार पाने का मौका मिले। इसी प्रेरणा से वह उन लोगों की खातिर दिन-रात मेहनत करता था। (रोमि. 1:14-17) आज इंसान जिस खतरनाक हालात में हैं, उसे ध्यान में रखते हुए क्या हम पर अपने नियुक्त इलाके में जल्द-से-जल्द प्रचार करने की और भी भारी ज़िम्मेदारी नहीं आ जाती?—1 कुरि. 9:16.
3 यह फौरन कार्यवाही करने का वक्त है: प्रचार काम की तुलना एक ऐसे काम से की जा सकती है जिसमें मुसीबत में फँसे लोगों को ढूँढ़कर उनकी जान बचायी जाती है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, लोगों को ढूँढ़ निकालना और सुरक्षित जगह पर पहुँचाना ज़रूरी है। वक्त बहुत कम रह गया है। लोगों की जान खतरे में है! इसीलिए तो यीशु ने अपने चेलों को उकसाया कि “खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।”—मत्ती 9:38.
4 आज वक्त की नज़ाकत को समझते हुए, राज्य के बहुत-से प्रचारक जान बचाने के इस काम को और ज़्यादा पैमाने पर कर रहे हैं। हीरोहीसे नाम का एक लड़का अपनी अकेली माँ और चार छोटे भाई-बहनों के साथ रहता था। वह परिवार की रोज़ी-रोटी के लिए तड़के तीन बजे उठकर जगह-जगह अखबार पहुँचाता था। मगर, हीरोहीसे चाहता था कि वह प्रचार के काम में और ज़्यादा वक्त दे, इसलिए उसने रेग्युलर पायनियरिंग शुरू की। क्या आप भी इस काम में तन-मन से हिस्सा ले सकते हैं, जो फिर कभी दोहराया नहीं जाएगा?
5 “समय कम किया गया है।” (1 कुरि. 7:29) इसलिए, हम दुआ करते हैं कि आज इस ज़मीन पर किए जा रहे इस सबसे ज़रूरी काम में हम जितना ज़्यादा हो सके उतना करें, जी हाँ, राज्य का सुसमाचार प्रचार करें और चेले बनाएँ। यीशु ने प्रचार के इस काम की तुलना कटनी के काम से की। (मत्ती 9:35-38) इस कटनी के समय में तन-मन लगाकर काम करने से, हमारी मेहनत का फल हमें तब मिलेगा जब हम किसी व्यक्ति को प्रकाशितवाक्य 7:9, 10 में बतायी गयी बड़ी भीड़ में शामिल होने में मदद करेंगे।