आप एक “तमाशा” हैं!
प्रेरित पौलुस ने लिखा: “हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये तमाशा ठहरे हैं।” (1 कुरि. 4:9) इसका क्या मतलब है और इस बात से आज सेवकाई में हम पर कैसा असर पड़ना चाहिए?
2 जब पौलुस ने ‘तमाशे’ का ज़िक्र किया तो कुरिन्थ के लोगों को शायद रोमी अखाड़े में होनेवाली प्रतियोगिता की बात याद आयी होगी। उस प्रतियोगिता के आखिर में, दोषी ठहराए हुए लोगों को हज़ारों दर्शकों के सामने चलवाया जाता था और फिर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतारा दिया जाता था। ठीक उसी तरह पहली सदी में जब मसीहियों को राज्य की गवाही देने की वजह से कई तकलीफें झेलनी पड़ी थीं तो बड़ी तादाद में दर्शक यानी इंसान और स्वर्गदूत इन सब को देख रहे थे। (इब्रा. 10:32, 33) मसीहियों ने जिस तरह खराई बनाए रखी, उसका असर कई देखनेवालों पर पड़ा, ठीक जैसे आज के अखाड़े में भी हमारे धीरज धरने का कई लोगों पर असर पड़ता है। लेकिन आज हम किनके लिए तमाशा ठहरे हैं?
3 दुनिया और लोगों के लिए: कभी-कभी टी.वी. और अखबार वगैरह में यहोवा के लोगों के काम के बारे में खबरें दी जाती हैं। जब हमारे काम के बारे में अच्छी, सच्ची और निष्पक्ष खबरें पेश की जाती हैं तो हम उनके लिए शुक्रगुज़ार होते हैं। लेकिन हम उम्मीद कर सकते हैं कि कभी-कभी हमारे बारे में बुरी खबरें भी छापी जाएँगी जिन्हें कुछ लोग हमें बदनाम करने के इरादे से फैलाएँगे। लेकिन फिर भी हमें “बदनामी और नेकनामी” से परमेश्वर के सेवकों के तौर पर हमेशा अपनी पहचान कराते रहनी चाहिए। (2 कुरि. 6:4, 8; हिंदुस्तानी बाइबल) हमें देखनेवालों में जो लोग नेक दिल के हैं, उन्हें यह साफ नज़र आता है कि हम यीशु मसीह के सच्चे शिष्य हैं।
4 स्वर्गदूतों के लिए: इंसानों के अलावा आत्मिक प्राणी भी हम पर निगाह रखे हुए हैं। शैतान और उसकी दुष्ट आत्माएँ “बड़े क्रोध” के साथ हम पर नज़र रखे हुए हैं ताकि हमें “यीशु की गवाही देने” से किसी तरह रोक सकें। (प्रका. 12:9, 12, 17) परमेश्वर के वफादार स्वर्गदूत जब एक भी पापी को पश्चाताप करते हुए देखते हैं तो वे बहुत आनंद मनाते हैं। (लूका 15:10) इससे हमारा विश्वास मज़बूत होना चाहिए कि स्वर्गदूतों की नज़र में हमारी सेवकाई, पृथ्वी पर किया जानेवाला सबसे ज़रूरी और फायदेमंद काम है!—प्रका. 14:6, 7.
5 अगर कभी आप विरोध का सामना करते हैं या आपको लगता है कि आपको सेवकाई में कोई प्रतिफल नहीं मिल रहा है, तो याद रखिए कि पूरे विश्वमंडल के सभी प्राणियों की नज़र आप पर है। आपका वफादारी से धीरज धरना, आपकी खराई के बारे में बहुत कुछ बताता है। “विश्वास की अच्छी कुश्ती” लड़ते रहना ही, आखिर में आपको ‘अनन्त जीवन को धरने’ के योग्य बनाएगा।—1 तीमु. 6:12.