“राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन से पूरा-पूरा फायदा पाना
जोश बुलंद करनेवाला कार्यक्रम: हाल ही में हुए ज़िला अधिवेशन के कार्यक्रम ने हम सब के अंदर क्या ही जोश पैदा किया! वहाँ इकट्ठा होने में हम सब का एक ही मकसद था, परमेश्वर के राज्य का जोश से प्रचार करने के लिए अच्छी तरह योग्य बनना। क्या आपको याद है कि पहले वक्ता ने “घोषणा करने” का क्या मतलब समझाया था? क्या आपको याद है कि भाषण “निडर रहो, यहोवा हमारे साथ है” में हमें किन घटनाओं पर खोजबीन करने को कहा गया था? इसके अलावा अब तक आपने किन-किन लोगों की जीवन-कहानियाँ पढ़ी हैं?
2 अधिवेशन में एक परिचर्चा पेश की गयी जिसका विषय था: “तरह-तरह की परीक्षाओं से हमारे विश्वास का परखा जाना।” इसमें तीन कारण बताए गए थे कि यहोवा हम पर मुसीबतें क्यों आने देता है। क्या आप बता सकते हैं कि वे तीन कारण क्या हैं? बाइबल के किन उसूलों को ध्यान में रखते हुए हम मसीही निष्पक्ष रहते हैं? निष्पक्ष बने रहने में जो मुसीबतें आएँगी, उनका सामना करने के लिए हमें किस तरह तैयार रहने का बढ़ावा दिया गया? परीक्षाओं के समय धीरज धरने से कैसे यहोवा की महिमा होती है?
3 “मुसीबतों के दौर में निडर खड़े रहो” ड्रामे के खासकर किन दृश्यों से आपका हौसला मज़बूत हुआ? हम कैसे यिर्मयाह की तरह बन सकते हैं?
4 “इस संसार का दृश्य बदल रहा है,” इस जन-भाषण में ऐसी कौन-सी अहम घटनाओं के बारे में बताया गया जो भविष्य में परमेश्वर के भयानक दिन के आने से पहले घटेंगी? आखिरी भाषण था, “राज्य के जोशीले प्रचारकों की हैसियत से भले कामों में बढ़ते जाइए।” भाषण सुनते वक्त आपने उसमें दी गयी जानकारी को किस तरह अपनी सेवा में अमल करने की सोची?
5 अमल करने के लिए खास मुद्दे: “एहसानमंद बनिए” इस भाषण में जैसे समझाया गया था, हम यहोवा के लिए अपनी सच्ची कदरदानी कैसे दिखा सकते हैं? मूल-विचार भाषण, “जोश से भरे राज्य के प्रचारक” में हमें किसके जैसा जोशीला बनने के लिए उकसाया गया? हमें किन बातों में खुद को जाँचने का बढ़ावा दिया गया?
6 “मीका की भविष्यवाणी यहोवा का नाम लेकर चलने के लिए हमें मज़बूत करती है” इस परिचर्चा में, यहोवा का अनुग्रह पाने के लिए कौन-सी तीन माँगें पूरी करने के लिए बताया गया? क्या इन माँगों को पूरा करना मुमकिन है? (मीका 6:8) भाषण, “अपने हृदय की रक्षा करके पवित्रता बनाए रखें” के मुताबिक हम किन तरीकों से खुद को पवित्र बनाए रख सकते हैं? “छल-कपट से दूर रहिए” भाषण में हमें किन मामलों में धोखा खाने और दूसरों को धोखा देने से खबरदार रहने को कहा गया?
7 परिचर्चा, “राज्य के प्रचारक अपनी सेवकाई की बड़ाई करते हुए” में बतायी किन फायदेमंद बातों को आपने सेवा में लागू करना शुरू किया है? भाषण, “आध्यात्मिक बातचीत से उन्नति होती है” में फिलिप्पियों 4:8 में बतायी एक-एक बात को समझाया गया। यह आयत हमें आध्यात्मिक बातचीत करने में कैसे मदद देती है, और हमें ऐसी बातें कब करनी चाहिए?
8 “दुःख के समय यहोवा पर पूरा भरोसा रखिए,” इस भाषण में बताया गया कि हम विपत्तियों, पैसे की तंगी, खराब सेहत, परिवार की समस्याओं और अपनी कमज़ोरियों से कैसे जूझ सकते हैं। ऐसे हालात का सामना करते वक्त हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें यहोवा पर भरोसा है?
9 नए आध्यात्मिक रत्न: एकमात्र सच्चे परमेश्वर की उपासना करें इस नयी किताब को पाकर हम फूले नहीं समाए थे। जब इस किताब को प्रकाशित करने का मकसद बताया गया तो सुनकर आपको कैसा लगा? लोगों के साथ बाइबल अध्ययन करने के लिए दूसरी किताब के तौर पर इसका इस्तेमाल करने से हमें चेला बनाने के काम में कैसे मदद मिलेगी?
10 इसके अलावा, हमें एक बेहद खूबसूरत किताब मिली जिसका नाम है ड्रॉ क्लोस टू जेहोवा। इसकी कुछ खासियतें क्या हैं? इसकी कौन-सी तसवीरें आपको सबसे अच्छी लगीं? क्या इसको पढ़ने से आपने सचमुच यहोवा के करीब महसूस किया? इस किताब को पढ़कर और किन्हें फायदा हो सकता है?
11 “राज्य के जोशीले प्रचारक,” इस ज़िला अधिवेशन ने आज के मुश्किल हालात का सामना करने के लिए आध्यात्मिक तौर पर हमारा काफी हौसला बढ़ाया। तो इस बेहतरीन आध्यात्मिक इंतज़ाम से पूरा-पूरा फायदा पाने के लिए आइए हम अधिवेशन में बतायी बातों को याद रखने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें, जो आध्यात्मिक रत्न मिले हैं उनकी कदर करें और जो सीखा है उस पर अमल करें। (2 पत. 3:14) ऐसा करने से हम खराई बनाए रखने का अपना इरादा मज़बूत करेंगे और अपने प्रभु यीशु मसीह की तरह राज्य के जोशीले प्रचारक बनेंगे ताकि यहोवा की महिमा हो।—फिलि. 1:9-11.