पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“आज कई लोगों को इस बात की फिक्र है कि पोर्नोग्राफी, हर जगह बड़ी आसानी से देखी जा सकती है। क्या आपको लगता है कि हमें इस बारे में फिक्र करनी चाहिए? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल में दी गयी कारगर सलाह हमारी हिफाज़त कर सकती है। [इफिसियों 5:3, 4 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि हम कैसे खुद को इस खतरे से बचा सकते हैं जो धीरे-धीरे हमें खोखला कर सकता है।”
प्रहरीदुर्ग अक्टू. 15
“हम ज़िंदगी में ऐसे कई फैसले करते हैं जिनका असर उम्र-भर रहता है। तो फिर, गलत फैसला न करने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर नीतिवचन 3:6 पढ़िए।] प्रहरीदुर्ग के इस अंक में बाइबल से ऐसे पाँच सिद्धांत दिए गए हैं, जिनकी मदद से हम बुद्धिमानी भरे फैसले कर पाएँगे।”
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“क्या आपको लगता है कि अलग-अलग बिरादरी और जाति के लोगों के बीच, कभी-कभी जो नफरत देखने को मिलती है, उसे हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है? [जवाब के लिए रुकिए और प्रेरितों 10:34, 35 पढ़िए।] सजग होइए! का यह अंक [पेज 28 खोलिए] दिखाता है कि हम इस समस्या से कैसे निपट सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग नवं. 1
“कभी-न-कभी हममें से हरेक के साथ विश्वासघात हुआ होगा। क्या आपने कभी अपने आप से पूछा है: ‘क्या ऐसा कोई शख्स है जिस पर मैं भरोसा कर सकता/ती हूँ?’ [जवाब के लिए रुकिए। फिर नीतिवचन 3:5 पढ़िए।] यह पत्रिका समझाती है कि क्यों हम अपना पूरा भरोसा परमेश्वर पर रख सकते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि हम कैसे पता कर सकते हैं कि कौन हमारे भरोसे के लायक है।”