ऐसा रूप और ढंग जो पवित्र और काबिले-तारीफ हो
1. ज़िला अधिवेशन की तैयारी करते वक्त हमें अपने पहनावे पर क्यों ध्यान देना चाहिए?
“यहोवा के साक्षियों जैसा कोई नहीं! आपके लोग दिल के बहुत अच्छे हैं, उनका पहनावा सलीकेदार है और वे दूसरों के साथ बहुत इज़्जत से पेश आते हैं।” पिछले साल, एक ज़िला अधिवेशन में आए भाई-बहनों की तारीफ में होटल की तरफ से एक आदमी ने ये शब्द कहे। एक दूसरे अधिवेशन में, होटल में काम करनेवाली एक महिला ने कहा: “यह ज़ाहिर है कि आपके लोग ऐसी पोशाक पहनते हैं जिससे परमेश्वर खुश हो।” जी हाँ, जब हम अधिवेशन के लिए इकट्ठे होते हैं तो बाहरवाले हमें देखते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारा पहनावा “सुसमाचार के योग्य हो” क्योंकि इसे देखकर अकसर लोग हमारी तारीफ करते हैं और उन्हें यह साफ पता चलता है कि हम परमेश्वर के सेवक हैं। (फिलि. 1:27) जब हम ज़िला अधिवेशन में हाज़िर होने की तैयारी करते हैं, तो इस बात पर काफी पहले से ध्यान देना अच्छा होगा कि हम कैसे कपड़े पहनेंगे।
2. ऐसे कपड़े पहनना और बनाव-श्रृंगार करना जिससे पवित्रता झलके, क्यों एक चुनौती है?
2 शिष्य याकूब ने लिखा: “जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है।” (याकू. 3:17) अपने रूप और ढंग से पवित्रता ज़ाहिर करना एक चुनौती हो सकता है। शैतान की यह बदचलन दुनिया लोगों को ऐसे कपड़े पहनने के लिए बहकाती है जो भद्दे दिखते हैं, जिनसे शरीर पूरी तरह नहीं ढकता, और जो दूसरों में गलत इच्छाएँ भड़काते हैं। (1 यूह. 2:15-17) इसलिए, पहनावे और बनाव-श्रृंगार के मामले में फैसला करते वक्त हमें बाइबल की यह सलाह माननी चाहिए कि हम “अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम . . . से जीवन बिताएं।” (तीतु. 2:12) हम नहीं चाहते कि हमारी वेश-भूषा से कभी-भी दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुँचे, फिर चाहे वे हमारे भाई हों, होटल और रेस्तराँ में काम करनेवाले हों या कोई और बाहरवाला हो।—1 कुरि. 10:32, 33.
3. अपनी वेश-भूषा की जाँच करने के लिए कौन-से सवाल हमारी मदद करेंगे?
3 शालीन और सुहावने कपड़े: अधिवेशन की तैयारी करते वक्त अपने आप से पूछिए: ‘क्या मेरे कपड़े शालीन हैं, या इनकी वजह से सबका ध्यान मेरी तरफ ही खिंचेगा? क्या ये दिखाते हैं कि मैं दूसरों की भावनाओं की कदर करता हूँ? क्या मेरा ब्लाउज़ बहुत छोटा है या उसके गले का कट बहुत गहरा है? क्या मेरे कपड़े बहुत तंग हैं या तन को ठीक से नहीं ढकते? क्या मेरे कपड़े साफ-सुथरे हैं या उनसे बदबू आती है? होटल में नाश्ता करते वक्त या अधिवेशन के कार्यक्रम के बाद, आराम फरमाते वक्त क्या मेरे कपड़े साफ-सुथरे होंगे जिससे ज़ाहिर हो कि मैं परमेश्वर का सेवक हूँ? या क्या मेरे कपड़े बेढंगे और भड़कीले हैं जो अधिवेशन का बैज पहननेवाले एक व्यक्ति को शोभा नहीं देंगे? फुरसत के समय अगर मुझे किसी को गवाही देने का मौका मिले तो क्या मैं अपने पहनावे की वजह से झिझक महसूस करूँगा?’—रोमि. 15:2, 3; 1 तीमु. 2:9.
4. वेश-भूषा के मामले में पवित्र बने रहने में दूसरे कैसे हमारी मदद कर सकते हैं?
4 वेश-भूषा के मामले में हम तजुर्बेकार मसीहियों के सुझावों से फायदा पा सकते हैं। पत्नियों को अपनी पोशाक के बारे में अपने पतियों से पूछना चाहिए कि क्या यह दूसरों को ठीक लगेगी। मसीही माता-पिता अपने किशोर बच्चों की मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, परमेश्वर की भक्ति में अच्छी मिसाल रखनेवाली बुज़ुर्ग बहनें ‘युवतियों को सीख’ दे सकती हैं कि वे अपने रूप और ढंग में ‘संयमी और पवित्र बनें जिससे परमेश्वर के वचन की निन्दा न हो।’ (तीतु. 2:3-5, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) हमारी किताबों-पत्रिकाओं में छपी तसवीरों से भी हम जान सकते हैं कि शालीन और सुहावनी पोशाकें कैसी होती हैं।
5. अधिवेशन के दौरान हम सभी यहोवा का नाम कैसे रोशन कर सकते हैं?
5 यहोवा का नाम रोशन कीजिए: ज़िला अधिवेशनों में कार्यक्रम में हिस्सा लेनेवालों को ही नहीं बल्कि हम सभी को यहोवा का नाम रोशन करने का मौका मिलता है। बेशक, हमारे मसीही चालचलन और हमारी बोली से भी उसका सम्मान होगा। मगर देखनेवालों का ध्यान सबसे पहले हमारे कपड़ों और बनाव-श्रृंगार पर जाता है। इसलिए आइए हम ऐसी वेश-भूषा से यहोवा का नाम रोशन करें जो काबिले-तारीफ हो और जिससे पवित्रता झलके।—भज. 148:12, 13.
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कुछ मदद जिनसे हमारा रूप और ढंग काबिले-तारीफ हो
▪ परमेश्वर का वचन
▪ खुद-ब-खुद जाँच
▪ दूसरों के सुझाव
▪ मसीही साहित्य