निजी दिलचस्पी दिखाइए—अच्छी तैयारी कीजिए
सेवा की अच्छी तैयारी करने से हमें घर-मालिक में दिलचस्पी दिखाने में मदद मिलती है। वह कैसे? जब हम अच्छी तैयारी करते हैं, तो हम अपनी पेशकश के बारे में चिंता करने के बजाय घर-मालिक पर ज़्यादा ध्यान दे पाते हैं। इसके अलावा, हम अपनी घबराहट पर काबू रख पाते हैं और दिल से बात कर पाते हैं। लेकिन हम एक असरदार पेशकश की तैयारी कैसे कर सकते हैं?
2 सही पेशकश चुनिए: जनवरी 2006 की हमारी राज्य सेवकाई में दिए सुझावों में से ऐसी कोई पेशकश चुनिए जो आपके प्रचार के इलाके के लिए सही हो। सोचिए कि आप उसे अपने शब्दों में कैसे बोल सकते हैं। अपने इलाके के लोगों के हिसाब से उस पेशकश में ज़रूरी बदलाव कीजिए। उदाहरण के लिए, अगर वहाँ किसी खास धर्म या जाति के लोग मिलने की गुंजाइश है, तो सोचिए कि आप उनमें दिलचस्पी जगाने के लिए कैसी पेशकश इस्तेमाल कर सकते हैं। अपनी पेशकश को घर-मालिक के हिसाब से ढालना दिखाएगा कि आपको उसमें सच्ची दिलचस्पी है।—1 कुरि. 9:22.
3 जैसे-जैसे आप अपनी चुनी हुई पेशकश को इस्तेमाल करने लगते हैं, उसे बेहतर बनाते जाइए। आपके शुरूआती शब्द खास मायने रखते हैं, इसलिए गौर कीजिए कि इनका लोगों पर क्या असर पड़ता है। आप जिस विषय पर बात कर रहे हैं, क्या उन्हें उसमें दिलचस्पी है? क्या वे आपके सवालों का जवाब देते हैं? अगर नहीं, तो अपनी पेशकश में तब तक सुधार करते रहिए जब तक कि वह असरदार न साबित हो।
4 याद रखने में मदद: बहुत-से प्रचारक जब लोगों के दरवाज़े पर पहुँचते हैं, तो उन्हें अपनी पेशकश याद नहीं आती। अगर आपकी भी यही समस्या है, तो क्या आपने किसी के साथ अभ्यास करके देखा है? ऐसा करने से आपके दिमाग में विचार अच्छी तरह बैठ जाएँगे और आप इन विचारों को बड़ी आसानी से और एक सिलसिलेवार ढंग से पेश कर पाएँगे। इसके अलावा, लोग जो अलग-अलग तरह का रवैया दिखा सकते हैं, उसका जवाब देने के लिए भी आप तैयार रहेंगे।
5 अपनी पेशकश याद रखने का एक और तरीका है, उसकी खास बातों को एक छोटे-से कागज़ पर लिख लेना और दरवाज़ा खटखटाने से पहले उस पर एक नज़र डालना। कुछ प्रचारकों ने पाया है कि ऐसा करने से उनका तनाव दूर होता है और वे ज़्यादा अच्छे से बातचीत कर पाते हैं। ये सभी तरीके आज़माकर तैयारी करने से, हमें दूसरों में दिलचस्पी दिखाने में मदद मिलेगी और हम सुसमाचार की अपनी पेशकश को बेहतर बना पाएँगे।