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आप भी बन सकते हैं शिक्षक!

1 हमारी सेवा के जिस पहलू से हमें सबसे ज़्यादा खुशी मिलती है, वह है किसी को बाइबल की सच्चाई सिखाना। एक शख्स को राज्य का संदेश कबूल करते देखना और उसे विश्‍व के महाराजाधिराज के करीब आने में मदद देना, अपने आपमें एक अनोखा अनुभव है। (याकू. 4:8) यह हमारे लिए एक मीठी यादगार बन जाता है। हरेक राज्य प्रचारक का लक्ष्य होना चाहिए कि वह सच्चाई के लिए तरसते लोगों को बाइबल से सिखाए। साथ ही, उन्हें अपनी शख्सियत, अपने नज़रिए और चालचलन में बड़े-बड़े बदलाव करते देखे।—मत्ती 28:19, 20.

2 यहोवा पर भरोसा रखिए: बीते ज़माने में परमेश्‍वर के कई वफादार सेवक, जैसे मूसा, यिर्मयाह और आमोस साधारण लोग थे। इस वजह से उन्हें लगा कि वे यहोवा से मिला काम पूरा करने के काबिल नहीं हैं। मगर जब उन्होंने यहोवा पर भरोसा रखा, तब उनके सारे शक और झिझक दूर हो गए और वे यहोवा से मिली खास ज़िम्मेदारी पूरी कर पाए। (निर्ग. 4:10-12; यिर्म. 1:6, 7; आमो. 7:14, 15) प्रेरित पौलुस ने भी “हियाव” से सुसमाचार सुनाया। उसे यह हियाव कहाँ से मिला? उसने खुद कहा: “हमारे परमेश्‍वर ने हमें ऐसा हियाव दिया।” (1 थिस्स. 2:2) आज हम भी यहोवा पर पूरा भरोसा रख सकते हैं कि वह हमें लोगों को बाइबल के बारे में सिखाने के लिए ज़रूरी मदद, बुद्धि और ताकत देगा।—यशा. 41:10; 1 कुरि. 1:26, 27; 1 पत. 4:11.

3 तालीम कबूल कीजिए: हमारा महान उपदेशक यहोवा, बाइबल पर आधारित कार्यक्रमों के ज़रिए हमें लगातार तालीम देता है, ताकि हम दूसरों को सिखाने में निपुण हो सकें। (यशा. 54:13; 2 तीमु. 3:16, 17) इसलिए यह तालीम कबूल कीजिए। यह आप कैसे कर सकते हैं? बाइबल की समझ बढ़ाने और सिखाने की कला निखारने के हमें जो भी मौके मिलते हैं, उनका पूरा-पूरा फायदा उठाने के ज़रिए। हालाँकि परमेश्‍वर की सेवा स्कूल और सेवा सभा इसी मकसद से चलाए जाते हैं, लेकिन परमेश्‍वर के वचन के शिक्षक बनने की तालीम हमें सभी सभाओं से मिलती है।

4 बाइबल की गूढ़ बातें आसान तरीके से समझाना सीखिए। सेवा स्कूल किताब के पेज 227 में लिखा है: ‘अपना विषय दूसरों को साफ-साफ समझाने के लिए, पहले खुद आपको उसे अच्छी तरह समझना होगा।’ इसके अलावा, सभाओं में जवाब देने की कोशिश कीजिए। क्योंकि जवाब देने से खास मुद्दे हमारे दिमाग में अच्छी तरह बैठ जाते हैं, जिन्हें हम आगे चलकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए सभाओं की अच्छी तैयारी कीजिए। यह सब करने से आपका विश्‍वास बढ़ेगा कि आप भी दूसरों को सिखा सकते हैं।

5 इसमें कोई शक नहीं कि मसीही जब से चेला बनाने के काम में हिस्सा लेते हैं, तभी से वे एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं। (लूका 10:1) अगर मुमकिन हो, तो तजुरबेकार प्रचारकों के साथ बाइबल अध्ययन पर जाइए। जैसे पायनियरों, प्राचीनों और सफरी अध्यक्षों के साथ। गौर कीजिए कि वे बाइबल की सच्चाई समझाने के लिए हमारे साहित्यों में दी तसवीरों, उदाहरणों वगैरह का कैसे इस्तेमाल करते हैं। उनसे सुझाव माँगिए कि आप एक अच्छे शिक्षक कैसे बन सकते हैं। (नीति. 1:5; 27:17) भाई-बहनों से आपको जो तालीम मिलती है, उसके लिए एहसानमंद होइए। क्योंकि इनके ज़रिए परमेश्‍वर आपको तालीम दे रहा होता है।—2 कुरि. 3:5.

6 यहोवा पर भरोसा रखिए और वह जो तालीम देता है, उसका पूरा फायदा उठाइए। तरक्की करते रहने के लिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए। (भज. 25:4, 5) जी हाँ, आप भी परमेश्‍वर के वचन के शिक्षक बन सकते हैं! इससे आपको वह खुशी मिलेगी, जो दूसरों को अपने जैसा शिक्षक बनने में मदद देने से मिलती है।

[अध्ययन के लिए सवाल]

1. हरेक राज्य प्रचारक के पास क्या अनोखा मौका है?

2. (क) कुछ प्रचारक, लोगों के साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने से क्यों झिझकते हैं? (ख) वे इस समस्या से कैसे निपट सकते हैं?

3, 4. परमेश्‍वर के वचन के शिक्षक बनने के लिए हमें कैसी तालीम दी जा रही है?

5. एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए, परमेश्‍वर हमें और किनके ज़रिए तालीम देता है?

6. परमेश्‍वर के वचन का शिक्षक बनने के लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है?

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