आप कैसे जवाब देंगे?
1. जब कोई हमसे सवाल पूछता है तो हमें क्यों यीशु की मिसाल पर चलना चाहिए?
यीशु ने लोगों के सवालों के जवाब जितनी अच्छी तरह से दिए उस पर लोग आज भी ताज्जुब करते हैं। प्रचार के दौरान जब लोग हमसे अलग-अलग तरह के सवाल पूछते हैं, तब हमें भी यीशु की तरह जवाब देने की कोशिश करनी चाहिए।—1 पत. 2:21.
2. सामनेवाले के सवाल का असरदार जवाब देने के लिए क्या बात हमारी मदद कर सकती है?
2 पहले अच्छी तरह सुनिए: यीशु सोचता था कि सामनेवाले ने वह सवाल क्यों पूछा है। कभी-कभी सवाल पूछनेवाले के मन को भाँपने के लिए हमें सवाल पूछने की ज़रूरत पड़ती है। कोई अगर पूछता है, “क्या आप वाकई यीशु को मानते हैं?” तो उसका मतलब हो सकता है कि अगर ऐसा है तो फिर हम क्रिसमस क्यों नहीं मनाते। अगर आप यह भाँप लेते हैं कि सामनेवाला सवाल किस इरादे से पूछ रहा है, तो आप उसे अच्छी तरह जवाब दे पाएँगे।—लूका 10:25-37.
3. बाइबल से सही जवाब ढूँढ़ने के लिए हमारे पास क्या मदद मौजूद है?
3 परमेश्वर के वचन से जवाब दीजिए: अकसर अच्छा यही होता है कि हम सवाल का जवाब बाइबल से दें। (2 तीमु. 3:16, 17; इब्रा. 4:12) रीज़निंग किताब और नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र में दिए “चर्चा के लिए बाइबल के विषय” हमें एकदम सही जवाब देने में मदद करते हैं। अगर सवाल करनेवाला बाइबल पर यकीन नहीं करता, तब भी आप सूझ-बूझ से काम लेते हुए उसे बाइबल में लिखी बातें बता सकते हैं। उसे बढ़ावा दीजिए कि वह बाइबल में लिखी बुद्धि की बातों पर ध्यान दे, क्योंकि ये सदियों से सही साबित होती आयी हैं। अगर आप यीशु की मिसाल पर चलेंगे, तो आपके जवाब भी “चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब” की तरह होंगे। यानी वे गरिमामय, अच्छे और अनमोल होंगे।—नीति. 25:11.
4. वे कौन-से मौके हैं जब हमें हर सवाल का जवाब नहीं देना चाहिए?
4 क्या हमें हर सवाल का जवाब देना चाहिए? अगर आपको किसी सवाल का जवाब पता नहीं है, तो यह कहने में मत शरमाइए कि “मुझे इस सवाल का जवाब मालूम नहीं है। लेकिन मैं इस पर खोजबीन करके आपके सवाल का जवाब ज़रूर दूँगा।” अपनी हद पहचानने और घर-मालिक में निजी दिलचस्पी दिखाने की वजह से शायद वह आपसे दोबारा आने के लिए कहे। अगर आपको लगता है कि सवाल हमारे विरोधियों की तरफ से है, जो सिर्फ बात को बढ़ाना चाहते हैं, तो हमें यीशु की मिसाल पर चलते हुए अपना जवाब कम-से-कम शब्दों में देना चाहिए। (लूका 20:1-8) उसी तरह अगर एक ऐसा व्यक्ति आपके साथ बहस करना चाहता है, जिसे सच्चाई में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो अपनी बातचीत वहीं रोकने की कोशिश कीजिए और अपना समय नेकदिल लोगों को खोजने में लगाइए।—मत्ती 7:6.
5. सवालों का जवाब देने में यीशु ने क्या मिसाल रखी?
5 यीशु जानता था कि “सच्चाई की गवाही” देने का अपना काम पूरा करने में नेकदिल इंसानों के सवालों का जवाब देना शामिल है। और इस काम के लिए उसे यहोवा पर निर्भर रहने की ज़रूरत है। (यूह. 18:37) हमारे लिए यह कितने सम्मान की बात है कि हम यीशु की मिसाल पर चलते हुए “हमेशा की ज़िंदगी पाने के लायक अच्छा मन” रखनेवालों के सवालों के जवाब दे सकते हैं।—प्रेषि. 13:48.