पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर
“आज ऐसी कई किताबें हैं, जो बच्चों की परवरिश, प्यार और जीवन में कामयाबी हासिल करने के बारे में सलाह देती हैं। क्या आपको इनसे फायदा हुआ है? [जवाब के लिए रुकिए।] पर बहुत-से लोग भरोसेमंद सलाह देनेवाली एक किताब पर गौर करने से चूक जाते हैं। [2 तीमुथियुस 3:16 पढ़िए।] पेज 4 पर दिए इस लेख में बताया गया है कि हम बाइबल पर अपना भरोसा कैसे बढ़ा सकते हैं और यह कैसे हमें फायदा पहुँचा सकती है।”
सजग होइए! अक्टूबर से दिसंबर
“कहा जाता है कि अगर एक इंसान के पास खूब रुपया-पैसा है, तो इसका मतलब है उस पर परमेश्वर की आशीष है। इस बारे में आपका क्या कहना है? [जवाब के लिए रुकिए।] इस मामले में, शास्त्र में एक चेतावनी दर्ज़ है, क्या मैं उसे पढ़ सकता हूँ? [अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहता है, तो नीतिवचन 11:28 पढ़िए।] पेज 24 पर दिया यह लेख बताता है कि परमेश्वर के सेवक किस तरह की आशीष की उम्मीद कर सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग जनवरी से मार्च
“देखा गया है कि पति-पत्नी में अकसर पैसे को लेकर बहस होती है। क्या इस बहस से बचने का कोई रास्ता है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं शास्त्र से यह दिखा सकता हूँ कि क्या बात पैसे से ज्यादा मोल रखती है? [अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहता है, तो सभोपदेशक 7:12 पढ़िए।] इस लेख में कुछ कारगर सुझाव दिए हैं कि अगर पति-पत्नी के बीच पैसे से जुड़े मसले खड़े होते हैं तो वे कैसे उन्हें निपटा सकते हैं?” पेज 10 पर दिया लेख दिखाइए।
सजग होइए! जनवरी से मार्च
“हर परिवार में किसी-न-किसी तरह की समस्या ज़रूर उठती है। आपको क्या लगता है, परिवारों को इनसे निपटने के लिए भरोसेमंद और कारगर सलाह कहाँ से मिल सकती है? [जवाब के लिए रुकिए। घर-मालिक से पूछिए कि क्या आप शास्त्र से एक वचन पढ़ सकते हैं। अगर वह ‘हाँ’ कहता है, तो भजन 32:8 पढ़िए।] सजग होइए! के इस खास अंक में परमेश्वर के दिए ऐसे कई सिद्धांत बताए गए हैं, जिन्हें लागू करने से परिवार को मदद मिल सकती है।”