खुशखबरी फैलाने में ट्रैक्ट इस्तेमाल कीजिए
1. यहोवा के लोगों ने ट्रैक्ट का इस्तेमाल कैसे किया है?
बाइबल पर आधारित ट्रैक्ट का इस्तेमाल यहोवा के लोग लंबे अरसे से करते आए हैं। सन् 1880 में सी. टी. रसल और उनके साथी बाइबल स्टूडेंट्स ट्रैक्ट्स छपवाने लगे। ये ट्रैक्ट वॉच टावर के पाठकों को दिए गए ताकि वे इन्हें लोगों में बाँट सकें। ट्रैक्ट इतने ज़रूरी माने जाते थे कि जब सन् 1884 में सी. टी. रसल ने राज के कामों को आगे बढ़ाने के लिए एक कानूनी निगम रजिस्टर्ड किया, तब निगम के नाम में शब्द “ट्रैक्ट” भी शामिल किया गया। निगम का नाम था ‘ज़ायन्स वॉच टावर ट्रैक्ट सोसाइटी,’ जिसे आज ‘वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ पेन्सिलवेनिया’ कहा जाता है। इस निगम का मकसद मुनाफा कमाना नहीं है। सन् 1918 तक बाइबल विद्यार्थी 30 करोड़ ट्रैक्ट बाँट चुके थे। ट्रैक्ट आज भी गवाही देने में बड़े असरदार हैं।
2. ट्रैक्ट असरदार क्यों होते हैं?
2 इतने असरदार क्यों: ट्रैक्ट रंग-बिरंगे होते हैं इसलिए लोगों का ध्यान फौरन इन पर जाता है। इनमें कम शब्दों में संदेश दिया होता है जो दिलचस्पी जगानेवाला और जानकारी से भरपूर होता है। ये ट्रैक्ट ऐसे लोगों को ज़्यादा भाते हैं जो शायद कोई भी पत्रिका या किताब पढ़ने के खयाल से ही घबराते हैं। ट्रैक्ट पेश करना बड़ा आसान होता है, खासकर नए प्रचारकों और बच्चों के लिए। साथ ही, ट्रैक्ट छोटे-से होते हैं और इन्हें अपने साथ ले जाना आसान होता है।
3. अपना अनुभव बताइए या हमारे साहित्य में दिया कोई अनुभव बताइए जो दिखाता है कि ट्रैक्ट कितने असरदार होते हैं।
3 कई लोग ट्रैक्ट पढ़कर पहली बार सच्चाई के बारे में जान पाए हैं। उदाहरण के लिए, एक औरत को सड़क पर एक ट्रैक्ट पड़ा मिला। उसने वह ट्रैक्ट उठाकर पढ़ा और कहा: “मुझे सच्चाई मिल गयी है!” कुछ समय बाद वह राज-घर गयी, उसने बाइबल अध्ययन करना शुरू किया और आखिरकार बपतिस्मा ले लिया। यह सब परमेश्वर के वचन की ज़बरदस्त ताकत से हुआ क्योंकि यह ट्रैक्ट परमेश्वर के वचन पर आधारित था।
4. जब महीने की साहित्य पेशकश ट्रैक्ट होते हैं तो हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए?
4 घर-घर के प्रचार में: गवाही देने में ट्रैक्ट बड़े असरदार होते हैं, इसलिए नवंबर से ट्रैक्ट समय-समय पर महीने की साहित्य पेशकश होंगे। लेकिन हमारा मकसद यह नहीं कि घर-मालिक को बस ट्रैक्ट थमाकर आ जाएँ बल्कि हमारा मकसद है ट्रैक्ट का इस्तेमाल करके बातचीत शुरू करना। जब पहली मुलाकात में या वापसी भेंट में घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो हम बाइबल सिखाती है किताब या किसी और साहित्य से प्रदर्शन करके दिखा सकते हैं कि बाइबल अध्ययन कैसे किया जाता है। हम घर-घर के प्रचार में ट्रैक्ट का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? हर ट्रैक्ट अलग होता है, इसलिए कोई भी ट्रैक्ट पेश करने से पहले हमें उसे पढ़कर अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए।
5. हम घर-घर के प्रचार में ट्रैक्ट कैसे पेश कर सकते हैं?
5 हमें ऐसी पेशकश इस्तेमाल करनी चाहिए जो हमारे इलाके के मुताबिक सही हो और जो ट्रैक्ट हम इस्तेमाल करने जा रहे हैं, उसके मुताबिक हो। हम घर-मालिक को ट्रैक्ट देकर उससे बातचीत शुरू कर सकते हैं। हो सकता है ट्रैक्ट के पहले पेज पर दिया खूबसूरत चित्र देखकर उसकी दिलचस्पी जाग उठे। या फिर हम उसे अलग-अलग ट्रैक्ट दिखा सकते हैं और पूछ सकते हैं कि उसे किस विषय में दिलचस्पी है। जब हम ऐसे इलाके में काम करते हैं जहाँ लोग अपने घर का दरवाज़ा खोलने से हिचकिचाते हैं, तो हम ट्रैक्ट को इस तरह पकड़ सकते हैं जिससे घर-मालिक उसे देख सके। या फिर हम उससे कह सकते हैं कि हम उसे दरवाज़े के नीचे से एक ट्रैक्ट देना चाहते हैं और उस बारे में उसकी राय जानना चाहते हैं। अगर ट्रैक्ट का विषय एक सवाल है तो हम घर-मालिक से वह सवाल पूछ सकते हैं। या हम खुद कोई सवाल कर सकते हैं जो उनके अंदर दिलचस्पी जगाए और जिससे बातचीत शुरू हो सके। फिर हम घर-मालिक को ट्रैक्ट से एक भाग पढ़कर सुना सकते हैं। जहाँ सवाल आता है उसे पढ़कर रुकिए ताकि घर-मालिक अपनी राय ज़ाहिर कर सके। आप मुख्य आयतें बाइबल से पढ़कर सुना सकते हैं। कुछ भाग पर चर्चा करने के बाद हम बातचीत खत्म कर सकते हैं और अगली बार उनसे दोबारा मिलने के लिए कोई दिन और समय तय कर सकते हैं। अगर आपकी मंडली ने तय किया है कि प्रचारकों को घर पर न मिलनेवालों के दरवाज़े पर साहित्य छोड़ना चाहिए, तो हमें ट्रैक्ट ऐसी जगह पर छोड़ना चाहिए जिस पर दूसरों की नज़र न जाए।
6. सड़क पर गवाही देते वक्त ट्रैक्ट का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है?
6 सड़क पर गवाही देते वक्त: क्या आपने सड़क पर गवाही देते समय कभी ट्रैक्ट का इस्तेमाल किया है? सड़क पर आते-जाते कुछ लोग जल्दी में होते हैं, इसलिए वे शायद रुककर हमसे बात न करना चाहें। ऐसे में यह जान पाना मुश्किल होता है कि क्या उन्हें हमारे संदेश में दिलचस्पी है। इसलिए उन्हें हाल की पत्रिकाएँ देने के बजाय क्यों न आप उन्हें कोई ट्रैक्ट दें? क्योंकि हम नहीं जानते कि वे उन पत्रिकाओं को पढ़ेंगे या नहीं। लेकिन ट्रैक्ट का पहला पेज आकर्षक होने और कम शब्दों में संदेश लिखे होने की वजह से शायद लोगों में इसे पढ़ने की इच्छा जागे। फिर जब उन्हें थोड़ा समय मिलेगा, तब वे ज़रूर इसे पढ़ेंगे। बेशक जब लोग जल्दी में नहीं होते तो हम उनके साथ ट्रैक्ट में दी कुछ बातों पर चर्चा कर सकते हैं। मगर साथ ही, ऐसे लोगों से चौकन्ने रहिए जो आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
7. कुछ अनुभव बताइए कि मौके ढूँढ़कर गवाही देते वक्त ट्रैक्ट का इस्तेमाल कैसे करते हैं।
7 मौके ढूँढ़कर गवाही देते वक्त: ट्रैक्ट का इस्तेमाल करके मौके ढूँढ़कर गवाही देना आसान होता है। एक भाई जब भी घर से निकलता है वह अपनी जेब में कुछ ट्रैक्ट रख लेता है। और जब उसे कोई मिलता है, जैसे कोई दुकानदार तो वह उससे कहता है कि मैं आपको पढ़ने के लिए कुछ देना चाहता हूँ और फिर उसे ट्रैक्ट दे देता है। एक शादीशुदा जोड़ा जब घूमने के लिए एक शहर जा रहे थे तो उन्हें लगा कि वहाँ उन्हें अलग-अलग देशों से आए लोग मिलेंगे। इसलिए वे अपने साथ सब के लिए सुसमाचार बुकलेट और अलग-अलग भाषाओं में ढेर सारे ट्रैक्ट ले गए। फिर वहाँ उन्होंने जब किसी फेरीवाले, या पार्क या रेस्तराँ में अपने पास बैठे किसी को दूसरी भाषा में बात करते हुए सुना तो उन्होंने उसे उसकी भाषा में ट्रैक्ट पढ़ने के लिए दिया।
8. किस मायने में ट्रैक्ट बीज की तरह होते हैं?
8 “अपना बीज बो”: ट्रैक्ट बीज की तरह होते हैं। एक किसान बहुत सारा बीज लेकर खेत में बिखेरता है क्योंकि वह नहीं जानता कि कौन-सा बीज कहाँ उगेगा। सभोपदेशक 11:6 कहता है: “भोर को अपना बीज बो, और सांझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सुफल होगा, यह या वह, वा दोनों के दोनों अच्छे निकलेंगे।” इसलिए आइए गवाही देने में ट्रैक्ट का इस्तेमाल करके हम ‘ज्ञान फैलाते रहें।’—नीति. 15:7.
[पेज 3 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
गवाही देने में ट्रैक्ट बड़े असरदार होते हैं, इसलिए नवंबर से ट्रैक्ट समय-समय पर महीने की साहित्य पेशकश होंगे।