परमेश्वर की तरफ से खुशखबरी! — इस ब्रोशर का इस्तेमाल कैसे करें?
यह नया ब्रोशर वापसी भेंट करने और बाइबल अध्ययन शुरू करने में मदद देने के लिए तैयार किया गया है
1. ‘अपने दिल की हिफाज़त कर!’ अधिवेशन में वापसी भेंट करने और बाइबल अध्ययन चलाने में मदद देने के लिए कौन-सा नया ब्रोशर रिलीज़ किया गया?
1 ‘अपने दिल की हिफाज़त कर!’ अधिवेशन में एक नया ब्रोशर, परमेश्वर की तरफ से खुशखबरी! रिलीज़ किया गया, जो वापसी भेंट करने और बाइबल अध्ययन चलाने में हमारी मदद करेगा। यह ब्रोशर पाकर हम बहुत खुश हुए। माँग ब्रोशर की तरह इस नए ब्रोशर के अध्याय भी छोटे-छोटे हैं, इसका इस्तेमाल माँग ब्रोशर की जगह किया जाएगा। नए ब्रोशर की मदद से हम दरवाज़े पर खड़े-खड़े ही बाइबल अध्ययन चला सकते हैं। माँग ब्रोशर मसीहियों को दी हिदायतों के बारे में बताता है, जिन्हें अपनाना नए विद्यार्थियों को मुश्किल लग सकता है। लेकिन यह नया ब्रोशर बाइबल में दी खुशखबरी की तरफ उनका ध्यान खींचता है।—प्रेषि. 15:35.
2. खुशखबरी ब्रोशर क्यों तैयार किया गया?
2 यह ब्रोशर क्यों तैयार किया गया? सभी भाई-बहनों की इच्छा थी कि उन्हें कोई ऐसा औज़ार मिले जिसकी मदद से वे आसानी से लोगों का ध्यान सच्चाई की तरफ खींच सकें और आगे चलकर बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन शुरू कर सकें। जिन लोगों को किताब से अध्ययन करने में हिचकिचाहट होती है, वे ब्रोशर का इस्तेमाल करने पर अध्ययन के लिए खुशी-खुशी राज़ी हो जाते हैं। इतना ही नहीं, ब्रोशर का अनुवाद बड़ी आसानी से कई भाषाओं में किया जा सकता है।
3. अध्ययन के दूसरे साहित्यों से यह ब्रोशर किस तरह अलग है?
3 किस तरह तैयार किया गया: हमारे बहुत-से साहित्य जो अध्ययन के लिए इस्तेमाल होते हैं, उसे एक व्यक्ति आसानी से पढ़ सकता है और बिना मदद के इसमें बतायी सच्चाई समझ सकता है। लेकिन यह नया ब्रोशर बाकी साहित्यों से अलग है। क्योंकि इस ब्रोशर को ऐसे तैयार किया गया है कि इससे बाइबल अध्ययन शुरू किया जा सके लेकिन सिखानेवाले की मदद से। इसलिए अच्छा होगा कि किसी को ब्रोशर पेश करते वक्त आप एक या दो पैराग्राफ पर चर्चा करें। इसके पैराग्राफ छोटे-छोटे हैं इसलिए आप दरवाज़े पर ही या काम की जगह पर इस ब्रोशर से चर्चा कर सकते हैं। पहले अध्याय से शुरू करना अच्छा है लेकिन आप चाहें तो चर्चा किसी भी अध्याय से शुरू कर सकते हैं।
4. ब्रोशर किस तरह सीधे बाइबल से सिखाने में हमारी मदद करता है?
4 हमारे साहित्यों में सवालों के जवाब पैराग्राफ में ही ढूँढ़े जा सकते हैं। लेकिन इस साहित्य में सवालों के जवाब बाइबल में दिए गए हैं। बहुत-से लोग सीधे बाइबल से सीखना पसंद करते हैं न कि हमारे साहित्य से। इसलिए इसमें किसी भी आयत का हवाला नहीं दिया गया है, बल्कि उन्हें बाइबल खोलकर उसे पढ़ना होगा। इससे बाइबल विद्यार्थियों को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे जो सीख रहे हैं वह परमेश्वर की तरफ से है।—यशा. 54:13.
5. बाइबल अध्ययन करनेवाले को क्यों हर अध्ययन की अच्छी तैयारी करनी चाहिए?
5 ब्रोशर में सभी आयतों को नहीं समझाया गया है। क्यों? क्योंकि इससे विद्यार्थी को सवाल पूछने और सिखानेवाले को सिखाने की कला का इस्तेमाल करने का बढ़ावा मिलता है। इसलिए ज़रूरी है कि हर बार अध्ययन करते वक्त अच्छी तैयारी की जाए। एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि ‘ज़्यादा मत बोलें।’ आयतों को समझाना हमें अच्छा लगता है लेकिन अगर हम विद्यार्थी को यह बताने का मौका दें कि वह उस आयत के बारे में क्या सोचता है, तो इसका विद्यार्थी पर ज़्यादा असर होगा। अगर हम समझदारी से उससे सवाल पूछें, तो हम तर्क-वितर्क करके आयत का मतलब समझने में उसकी मदद कर सकेंगे।—प्रेषि. 17:2.
6. हम यह ब्रोशर कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं: (क) ऐसे इलाके में जहाँ लोगों को परमेश्वर या बाइबल पर विश्वास करना मुश्किल लगता है? (ख) घर-घर के प्रचार में? (ग) बाइबल अध्ययन की सीधे-सीधे पेशकश करते वक्त? (घ) वापसी भेंट करते समय?
6 जिस तरह बाइबल अध्ययन के दूसरे साहित्य पेश किए जाते हैं, उसी तरह इस ब्रोशर को कभी-भी पेश किया जा सकता है, फिर चाहे महीने की साहित्य पेशकश कुछ भी हो। इसका इस्तेमाल करके दरवाज़े पर खड़े-खड़े अध्ययन शुरू करना शायद बहुतों को अच्छा लगे। यही नहीं, जैसा कि अधिवेशन में बताया गया था, दिलचस्पी दिखानेवालों से दोबारा मिलने के लिए इस ब्रोशर का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे “वापसी भेंट करने में और मज़ा आएगा।”—पेज 6-8 पर दिए बक्स देखिए।
7. ब्रोशर का इस्तेमाल करके किस तरह बाइबल अध्ययन कराया जा सकता है?
7 अध्ययन किस तरह कराएँ: मोटे अक्षरों में दिए सवालों को पढ़कर हम अध्ययन शुरू करा सकते हैं। इसके बाद पैराग्राफ और तिरछे अक्षरों में दी आयतें पढ़िए और समझदारी से सवाल पूछिए जिससे घर-मालिक को आयत समझने में मदद मिलेगी। अगले भाग पर जाने से पहले मोटे अक्षरों में दिए सवाल का जवाब घर-मालिक से पूछिए। इससे आपको ये जानने में मदद मिलेगी की उसे बात समझ आ गयी है या नहीं। शुरू-शुरू में वापसी भेंट करते वक्त अच्छा होगा कि आप मोटे अक्षरों में दिए एक या दो सवालों पर चर्चा करें। समय के चलते आप पूरे अध्याय पर चर्चा कर सकते हैं।
8. आयत को पढ़ते वक्त किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए और क्यों?
8 जिन आयतों के आगे “पढ़िए” लिखा है वे मोटे अक्षरों में दिए सवालों का सीधा जवाब देती हैं। आयत को पढ़ते वक्त, इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल मत कीजिए जैसे, “प्रेषित पौलुस ने लिखा” या “गौर कीजिए यिर्मयाह क्या भविष्यवाणी करता है।” ऐसा कहने से घर-मालिक को लग सकता कि हम महज़ इंसानों के शब्द पढ़ रहे हैं। इसके बजाय, अच्छा होगा कि आप कुछ इस तरह कहें: “परमेश्वर का वचन ऐसा कहता है” या “गौर कीजिए बाइबल में क्या भविष्यवाणी की गयी है।”
9. क्या अध्ययन के दौरान हमें सभी आयतें पढ़नी चाहिए?
9 क्या हमें पैराग्राफ में दी सभी आयतें पढ़नी चाहिए या सिर्फ उन आयतों को पढ़ना चाहिए जिनके आगे “पढ़िए” लिखा है? हालात ध्यान में रखकर फैसला लीजिए। पैराग्राफ में दी कोई भी आयत सिर्फ यह बताने के लिए नहीं है कि बाइबल फलाँ विषय के बारे में क्या कहती है, बल्कि हरेक आयत का कुछ-न-कुछ मकसद होता है। लेकिन हो सकता है विद्यार्थी की दिलचस्पी, पढ़ने की काबिलियत, या समय की कमी को ध्यान में रखकर हम उन आयतों को पढ़ें जिनके आगे “पढ़िए” लिखा है।
10. हम बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन कब शुरू कर सकते हैं?
10 बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन कब शुरू किया जाए: कई मुलाकातों के बाद जब आप विद्यार्थी में अध्ययन करने की आदत डाल देते हैं, तो उसके बाद आप फैसला कर सकते हैं कि आपको बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन शुरू करना है या फिर खुशखबरी ब्रोशर के खत्म होने तक उसी से चर्चा जारी रखनी है। प्रचारक अपनी समझ का इस्तेमाल करके फैसला ले सकते हैं कि उन्हें कब किताब से अध्ययन शुरू करना है। अगर हम बाइबल सिखाती है किताब के से अध्ययन शुरू करते हैं तो क्या हमें उसके पहले अध्याय से अध्ययन शुरू करना ज़रूरी है? ऐसा कोई सख्त नियम नहीं है। सभी विद्यार्थी एक जैसे नहीं होते। बहुतों को फायदा तभी मिलता है जब उन्हें बाइबल सिखाती है किताब से उसी विषय पर और गहराई से समझाया जाता है।
11. हमें क्यों इस नए ब्रोशर का अच्छा इस्तेमाल करना चाहिए?
11 आज जहाँ दुनिया में खुशी की खबर सुनना मुश्किल हो गया है, वहाँ हमें क्या ही बड़ा सम्मान मिला है कि हम लोगों को सबसे बढ़िया खुशखबरी सुनाएँ। हम उन्हें बताते हैं कि किस तरह परमेश्वर का राज बहुत जल्द एक नयी दुनिया लानेवाला है जहाँ न्याय का बसेरा होगा। (मत्ती 24:14; 2 पत. 3:13) हमें पूरा यकीन है कि जो हमारा यह संदेश सुनेगा वह यही शब्द दोहराएगा: “पहाड़ों पर उसके पांव क्या ही सुहावने हैं जो शुभ समाचार लाता है, जो शान्ति की बातें सुनाता है और कल्याण का शुभ समाचार और उद्धार का सन्देश देता है, जो सिय्योन से कहता है, ‘तेरा परमेश्वर राज्य करता है।’” (यशा. 52:7) आइए ठान लें कि हम अपने प्रचार के इलाके में इस ब्रोशर का इस्तेमाल करके उन सभी को खुशखबरी सुनाएँगे जो आध्यात्मिक मायने में प्यासे हैं।
[पेज ६ पर तसवीर]
ऐसे इलाके में प्रचार करना जहाँ लोगों को परमेश्वर या बाइबल पर विश्वास करना मुश्किल लगता है:
● कुछ इलाकों में प्रचारकों ने पाया है कि शब्द “परमेश्वर,” “यीशु” या “बाइबल” का इस्तेमाल करने से लोग बातचीत बीच में ही रोक देते हैं। ऐसे में अच्छा होगा कि पहली मुलाकात में हम कुछ ऐसे विषयों पर बात करें जिनमें लोगों की दिलचस्पी हो। जैसे: अच्छी सरकार, परिवार के लिए कारगर मदद और सुनहरा भविष्य। पहली कुछ मुलाकातों में ऐसे विषयों पर चर्चा कीजिए, जिनसे ज़ाहिर हो कि परमेश्वर सचमुच वजूद में है और बाइबल एक भरोसेमंद किताब है, उसके बाद ही खुशखबरी ब्रोशर पेश करना अच्छा होगा।
[पेज ७ पर तसवीर]
घर-घर प्रचार करते वक्त:
● “क्या आपको लगता है कि परमेश्वर हमें दुख-तकलीफों से छुटकारा दिलाएगा? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं इस बारे में आपको शास्त्र से कुछ बता सकता हूँ? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो बातचीत जारी रखिए।] यह ब्रोशर दिखाता है कि हमें इस सवाल का जवाब बाइबल में कहाँ मिल सकता है। [घर-मालिक को ब्रोशर की एक कॉपी दीजिए, फिर उसके पहले अध्याय के पहले पैराग्राफ पर चर्चा कीजिए साथ ही, यिर्मयाह 29:11 पढ़िए।] क्या इसे पढ़कर आपको नहीं लगता, परमेश्वर भी यही चाहता है कि हमारा भविष्य अच्छा हो? [जवाब के लिए रुकिए।] अगर आप चाहें तो ब्रोशर की यह कॉपी रख सकते हैं। अगली बार हम इसके दूसरे पैराग्राफ पर चर्चा करेंगे और देखेंगे कि बाइबल इस सवाल का क्या जवाब देती है कि ‘परमेश्वर कैसे इंसानों को दुख-तकलीफों के अंजामों से छुटकारा दिलाएगा?’” (अगर पहली मुलाकात में ही आपको लगता है कि घर-मालिक के पास ज़्यादा वक्त है, तो आप उसके साथ दूसरे पैराग्राफ पर भी चर्चा कर सकते हैं और उसमें दी तीनों आयतें पढ़ सकते हैं। दोबारा मिलने और उसी अध्याय के दूसरे सवाल पर चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए।)
● “कई लोगों को प्रार्थना करना अच्छा लगता है। क्या आप प्रार्थना में विश्वास रखते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] आपको क्या लगता है, परमेश्वर सभी लोगों की प्रार्थनाएँ सुनता है? या कुछ ऐसी प्रार्थनाएँ हैं जिनसे वह खुश नहीं होता? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं इस बारे में आपको शास्त्र से कुछ बता सकता हूँ? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो बातचीत जारी रखिए।] मेरे पास एक ब्रोशर है जो बताता है कि बाइबल इन सवालों के क्या जवाब देती है। [उसे ब्रोशर की एक कॉपी दीजिए और अध्याय 12 का पहला पैराग्राफ और जिन आयतों के आगे “पढ़िए” लिखा है उन्हें पढ़कर चर्चा कीजिए।] क्या यह सोचकर आपको खुशी नहीं होती कि परमेश्वर हमारी बातें सुनने के लिए बेताब है? लेकिन अगर हम प्रार्थनाओं से पूरा फायदा पाना चाहते हैं तो हमें परमेश्वर को अच्छी तरह जानना होगा। [अध्याय 2 पर जाइए और वहाँ दिए उपशीर्षकों पर घर-मालिक का ध्यान दिलाइए।] अगर आप चाहें तो यह ब्रोशर मैं आपके पास छोड़ सकता हूँ और अगली बार हम बाइबल से इन सवालों के जवाबों पर चर्चा कर सकते हैं।”
● “आज कई लोग यह सोचकर परेशान हैं कि आखिर इस दुनिया का क्या होगा। क्या आपको लगता है कि हालात कभी सुधरेंगे? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं इस बारे में आपको शास्त्र से कुछ बता सकता हूँ? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो बातचीत जारी रखिए।] कई लोगों को यह जानकर हैरानी होती है कि बाइबल में ऐसी खुशखबरी दर्ज़ है जो हमें एक आशा देती है। ये कुछ सवाल हैं जिनका जवाब बाइबल देती है।” घर-मालिक को ब्रोशर की एक कॉपी दीजिए और पीछे कवर पर दिए सवालों में से अपना पसंदीदा सवाल चुनने के लिए कहिए। फिर उस अध्याय पर जाइए और दिखाइए कि अध्ययन कैसे किया जाता है। दोबारा मिलने और अध्याय के दूसरे सवाल पर चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए।
[पेज ८ पर तसवीर]
सीधे-सीधे पूछिए (उनसे जो पहले से बाइबल का आदर करते हैं):
● “मैं आपसे मिलकर आपको एक नए बाइबल अध्ययन कोर्स के बारे में बताने आया हूँ, जो इस ब्रोशर की मदद से किया जा सकता है। इस ब्रोशर में 15 अध्याय हैं, जो दिखाते हैं कि आपको अहम सवालों के जवाब अपनी बाइबल में कहाँ मिलेंगे। [ब्रोशर का आगे और पीछेवाला कवर दिखाइए।] क्या आपने कभी बाइबल पढ़कर उसे समझने की कोशिश की है? [जवाब के लिए रुकिए।] ब्रोशर दिखाकर उसे बताइए कि इसके अध्याय कितने आसान हैं। [अध्याय 3 के तीसरे सवाल का पहला पैराग्राफ और प्रकाशितवाक्य 21:4, 5 पढ़िए। अगर मुमकिन हो तो अगला पैराग्राफ और उसमें दी “पढ़िए” वाली आयतें पढ़िए।] अगर आप चाहें तो यह ब्रोशर मैं आपके पास छोड़ सकता हूँ। मेरी आपसे गुज़ारिश है कि आप कम-से-कम एक बार बाइबल का अध्ययन करके देखिए। अगर आपको अच्छा लगता है तो आप पढ़ना जारी रख सकते हैं। अगली बार हम अध्याय 1 पर चर्चा करेंगे और यह अध्याय सिर्फ 1 पेज का है।”
[पेज ८ पर तसवीर]
वापसी भेंट पर जाते वक्त:
● किसी दिलचस्पी दिखानेवाले से दोबारा मिलने पर आप कुछ इस तरह कह सकते हैं: “आपसे दोबारा मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं आपके लिए एक ब्रोशर लाया हूँ, जो बाइबल से कुछ दिलचस्प सवालों के जवाब देता है। [उसे ब्रोशर की एक कॉपी दीजिए और उसके पीछे दिए सवालों पर गौर करने के लिए कहिए।] इनमें से आपको कौन-सा विषय दिलचस्प लगता है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर वह अध्याय खोलिए जिसे घर-मालिक ने चुना है।] यह ब्रोशर बाइबल से जवाब जानने में हमारी मदद करता है।” अध्ययन किस तरह किया जाता है यह दिखाने के लिए एक या दो पैराग्राफ पर चर्चा कीजिए और उसमें दी “पढ़िए” वाली आयतों पर ध्यान दीजिए। क्या आपको नहीं लगता कि इससे बाइबल अध्ययन करना बहुत आसान है? घर-मालिक को ब्रोशर दीजिए और दोबारा मिलने का इंतज़ाम कीजिए। जब आप इस अध्याय पर चर्चा कर लेते हैं, तो दूसरे किसी अध्याय पर चर्चा शुरू कीजिए जिसे घर-मालिक ने चुना है या फिर आप ब्रोशर के पहले अध्याय से शुरू कर सकते हैं।