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  • दिलों को उभारिए
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mwb21 जुलाई पेज 9

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर | प्रचार काम से और ज़्यादा खुशी पाइए

दिलों को उभारिए

यहोवा चाहता है कि इंसान उसकी आज्ञा दिल से मानें। (नीत 3:1) इसलिए जब हम लोगों को सिखाते हैं, तो हमें उनके दिल को उभारना चाहिए। यह हम कैसे कर सकते हैं?

अपने विद्यार्थी को बाइबल की सच्चाइयाँ सिखाना काफी नहीं है। उसे यह भी समझाइए कि उन सच्चाइयों के मुताबिक उसे क्या करना है ताकि वह यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्‍ता कायम कर सके। उसे सिखाइए कि यहोवा ने हमें जो सिद्धांत दिए हैं, उनसे कैसे पता चलता है कि वह हमसे प्यार करता है, हमारी भलाई चाहता है और उन्हें मानना ही सही है। वह जो सीख रहा है उसके बारे में वह क्या मानता है, यह जानने के लिए उससे प्यार से कुछ सवाल कीजिए। अगर किसी मामले में उसकी सोच गलत है या उसकी कोई बुरी आदत है, तो उसे तर्क देकर समझाइए कि अपनी सोच बदलने या गलत आदत छोड़ने से उसे क्या फायदा होगा। जब हम देखेंगे कि हमारा विद्यार्थी सच्चे दिल से यहोवा से प्यार करता है, तो हमें बहुत खुशी होगी।

शिष्य बनाने के काम से खुशी पाइए​—अपना हुनर बढ़ाइए—​दिलों को उभारिए  वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए।

  • ‘शिष्य बनाने के काम से खुशी पाइए—अपना हुनर बढ़ाइए—दिलों को उभारिए’ वीडियो का एक दृश्‍य। बाइबल अध्ययन के दौरान नीता ग्रेस से सवाल कर रही है।

    नीता ने ग्रेस से क्यों पूछा, “हमने जो बात की थी, उस बारे में तुमने और सोचा?”

  • ‘शिष्य बनाने के काम से खुशी पाइए—अपना हुनर बढ़ाइए—दिलों को उभारिए’ वीडियो का एक दृश्‍य। नीता बाइबल से तर्क देकर समझा रही है।

    नीता ने कैसे तर्क किया कि यहोवा ने हमसे प्यार करने की वजह से कुछ नियम दिए हैं?

  • ‘शिष्य बनाने के काम से खुशी पाइए—अपना हुनर बढ़ाइए—दिलों को उभारिए’ वीडियो का एक दृश्‍य। ग्रेस नीता की बात सुन रही है।

    अगर हम अपने विद्यार्थी के दिल को उभारेंगे, तो वह खुद यहोवा के करीब आएगा

    नीता ने कैसे तर्क करके ग्रेस को समझाया कि वह यहोवा के लिए अपना प्यार कैसे दिखा सकती है?

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