वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w21 मई पेज 31
  • क्या आप जानते हैं?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • क्या आप जानते हैं?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2021
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • सरकंडों से नाव कैसे बनती थी?
  • लोग सरकंडों से नाव क्यों बनाते थे?
  • सरकंडा
    शब्दावली
  • दैवी संरक्षण का प्रमाण
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
  • खर्रा
    शब्दावली
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2021
w21 मई पेज 31

क्या आप जानते हैं?

क्या बाइबल के ज़माने के लोग सरकंडों से नाव बनाते थे?

सरकंडों के पौधे

बहुत-से लोग जानते हैं कि पुराने ज़माने में मिस्र के लोग सरकंडेa के पौधों से कागज़ जैसी कोई चीज़ बनाते थे, जिस पर वे लिखते थे। यूनान और रोम के लोग भी लिखने के लिए इसी चीज़ का इस्तेमाल करते थे। लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि सरकंडे के पौधों से नाव भी बनायी जाती थीं।

सरकंडे से बनी दो नावों के नमूने, जो मिस्र की एक कब्र में मिले

आज से करीब 2,500 साल पहले भविष्यवक्‍ता यशायाह ने लिखा कि “इथियोपिया की नदियों के पास” बसे लोग “अपने दूतों को समुंदर के रास्ते, सरकंडे की नाव में पानी के उस पार” भेजेंगे। बाद में, भविष्यवक्‍ता यिर्मयाह ने लिखा कि जब मादी-फारस बैबिलोन पर हमला करेंगे, तो वे उनकी “सरकंडे की नाव” जला देंगे, ताकि शहर के लोग भाग न सकें।—यशा. 18:1, 2; यिर्म. 51:32.

बाइबल परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी गयी है। इसलिए बाइबल पर विश्‍वास करनेवाले यह जानते थे कि जब पुरातत्ववेत्ता खोज करेंगे, तो उन्हें कुछ सबूत ज़रूर मिलेंगे कि बाइबल के ज़माने में सरकंडे के पौधों से नाव बनायी जाती थीं। (2 तीमु. 3:16) क्या उन्हें कोई सबूत मिला? उन्हें इस बात के ढेरों सबूत मिले कि मिस्र में सरकंडों से नाव बनायी जाती थीं।

सरकंडों से नाव कैसे बनती थी?

मिस्र की कब्रों में जो चित्रकारी और नक्काशियाँ मिलीं, उनसे पता चला कि मिस्री लोग किस तरह सरकंडों से नाव बनाते थे। वे सरकंडे की डंठल को काटकर उसकी छोटी-छोटी गठरियाँ बनाते थे और फिर उन्हें कसकर बाँधते थे। सरकंडे की डंठल त्रिकोण होती है इसलिए जब कई डंठलों को कसकर बाँधा जाता था, तो वे बहुत मज़बूत बन जाती थीं। मिस्र के इतिहास के बारे में एक किताब बताती है कि सरकंडे से बनी नाव तकरीबन 55 फुट लंबी होती थी। इसमें इतनी जगह होती थी कि एक तरफ 10 से 12 चप्पू चलाए जा सकते थे।

मिस्र की नक्काशी, जिसमें दिखाया गया है कि सरकंडे की नाव कैसे बनती है

लोग सरकंडों से नाव क्यों बनाते थे?

सरकंडे के पौधे नील नदी की घाटी में बहुत उगते थे। इसके अलावा सरकंडे से नाव बनाना आसान भी था। बाद में जब लोग बड़े-बड़े जहाज़ बनाने के लिए लकड़ियाँ इस्तेमाल करने लगे, तब भी मछुवारे और शिकारी सरकंडों से नाव बनाते रहे।

लोग लंबे समय तक सरकंडे से बनी नाव इस्तेमाल करते रहे। प्रेषितों के ज़माने के एक यूनानी लेखक प्लूटार्क ने बताया कि उसके ज़माने के कुछ लोग तब भी यह नाव इस्तेमाल कर रहे थे।

a सरकंडे दलदली ज़मीन में या ऐसी नदियों के किनारे पाए जाते हैं, जहाँ पानी का बहाव कम होता है। यह पौधा 16 फुट तक बढ़ता है और इसकी डंठल के निचले हिस्से की चौड़ाई करीब 6 इंच होती है।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें