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  • यहोवा ने गारंटी दी है, फिरदौस ज़रूर आएगा

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  • यहोवा ने गारंटी दी है, फिरदौस ज़रूर आएगा
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2023
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  • यहोवा ने क्या वादा किया है?
  • यहोवा ने अपना वादा पूरा करने की गारंटी दी
  • “देख! मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ”
  • “ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं। . . . ये वचन पूरे हो चुके हैं!”
  • “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ”
  • फिरदौस के वादे पर अपना भरोसा कैसे बढ़ाएँ?
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    बाइबल हमें क्या सिखाती है?
  • पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का मकसद क्या है?
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  • “फिरदौस में मिलेंगे!”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2018
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2023
w23 नवंबर पेज 2-7

अध्ययन लेख 46

यहोवा ने गारंटी दी है, फिरदौस ज़रूर आएगा

“धरती पर जो कोई अपने लिए आशीष माँगेगा, वह सच्चाई के परमेश्‍वर से आशीष पाएगा।”​—यशा. 65:16.

गीत 3 हमारी ताकत, आशा और भरोसा

एक झलकa

1. यशायाह इसराएलियों को क्या संदेश देना चाहता था?

भविष्यवक्‍ता यशायाह ने कहा कि यहोवा ‘सच्चाई का परमेश्‍वर’ है। जिस शब्द का अनुवाद “सच्चाई” किया गया है, उसका मतलब है, “आमीन।” (यशा. 65:16, फु.) और “आमीन” का मतलब होता है, “ऐसा ही हो” या “ज़रूर।” बाइबल में शब्द “आमीन” जब भी यहोवा या यीशु के मामले में इस्तेमाल हुआ है, वह इस बात की गारंटी है कि जो कहा गया है, वह एकदम सच है। इसका मतलब, यशायाह इसराएलियों को यह संदेश देना चाहता था: यहोवा भविष्य के बारे में जो भी बताता है, वह ज़रूर पूरा होता है। और यहोवा ने अपना हर वादा पूरा करके यह सच साबित किया है।

2. (क) भविष्य के बारे में यहोवा ने जो वादे किए हैं, उन पर हम क्यों यकीन रख सकते हैं? (ख) इस लेख में हम किन सवालों के जवाब जानेंगे?

2 क्या हम भी इस बात का पूरा यकीन रख सकते हैं कि भविष्य के बारे में यहोवा ने जो वादे किए हैं, वे ज़रूर पूरे होंगे? यशायाह के दिनों के करीब 800 साल बाद प्रेषित पौलुस ने समझाया कि हम क्यों यकीन कर सकते हैं कि यहोवा के वादे हमेशा पूरे होते हैं। उसने कहा, “परमेश्‍वर का झूठ बोलना नामुमकिन है।” (इब्रा. 6:18) सोचिए, क्या मीठे पानी के झरने से कभी खारा पानी निकल सकता है? कभी नहीं। उसी तरह यहोवा सच्चाई का परमेश्‍वर है, उसके मुँह से कभी झूठ नहीं निकल सकता। इसलिए हम यहोवा की हर बात पर पूरा यकीन रख सकते हैं, उन वादों पर भी जो उसने भविष्य के बारे में किए हैं। इस लेख में हम इन सवालों के जवाब जानेंगे: यहोवा ने भविष्य के बारे में क्या वादा किया है? और यहोवा ने क्या गारंटी दी है कि उसका वादा ज़रूर पूरा होगा?

यहोवा ने क्या वादा किया है?

3. (क) परमेश्‍वर के सेवकों के लिए कौन-सा वादा बहुत खास है? (प्रकाशितवाक्य 21:3, 4) (ख) इस वादे के बारे में सुनकर कुछ लोगों को कैसा लगता है?

3 अब हम जिस वादे के बारे में चर्चा करेंगे, वह पूरी दुनिया में यहोवा के सेवकों के लिए बहुत खास है। (प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 पढ़िए।) यहोवा ने वादा किया है कि एक ऐसा वक्‍त आएगा, जब “न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा।” यह वादा हमारे दिल को छू जाता है। हममें से कई लोग प्रचार करते वक्‍त यह वादा पढ़कर लोगों को बताते हैं कि फिरदौस में ज़िंदगी कैसी होगी। पर यह वादा सुनकर कुछ लोग शायद कहें, “यह सुनने में तो बहुत अच्छा लग रहा है, पर मुझे नहीं लगता ऐसा होगा।”

4. (क) यहोवा क्या जानता था और उसे पहले से क्या पता था? (ख) वादा करने के साथ-साथ यहोवा ने और क्या किया है?

4 जब यहोवा ने यूहन्‍ना से फिरदौस के बारे में यह वादा लिखवाया, तब यहोवा जानता था कि आगे चलकर हम लोगों को उसके राज के बारे में प्रचार करते वक्‍त इस वादे के बारे में भी बताएँगे। यहोवा को यह भी पहले से पता था कि “नयी बातों” के बारे में उसने जो वादा किया है, उस पर यकीन करना कई लोगों के लिए मुश्‍किल होगा। (यशा. 42:9; 60:2; 2 कुरिं. 4:3, 4) तो हम खुद को और दूसरों को कैसे यकीन दिला सकते हैं कि प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 में लिखा वादा ज़रूर पूरा होगा? यहोवा ने ना सिर्फ यह बढ़िया वादा किया है, बल्कि उसने इस पर यकीन करने की कुछ ठोस वजह भी दी हैं। वे क्या हैं?

यहोवा ने अपना वादा पूरा करने की गारंटी दी

5. किन आयतों में परमेश्‍वर के वादे पर यकीन करने की वजह बतायी गयी हैं और वे वजह क्या हैं?

5 फिरदौस के बारे में यहोवा के वादे पर यकीन करने की कई वजह हैं। ये हम आगे की आयतों पर ध्यान देने से जान सकते हैं, “परमेश्‍वर ने, जो राजगद्दी पर बैठा था, कहा, ‘देख! मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ।’ उसने यह भी कहा, ‘ये बातें लिख ले क्योंकि ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं।’ फिर उसने मुझसे कहा, ‘ये वचन पूरे हो चुके हैं! मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ यानी शुरूआत और अंत मैं ही हूँ।’”​—प्रका. 21:5, 6क.

6. प्रकाशितवाक्य 21:5, 6 में जो बात लिखी है, उससे परमेश्‍वर के वादे पर हमारा भरोसा क्यों बढ़ता है?

6 बाइबल की इन आयतों से परमेश्‍वर के वादे पर हमारा भरोसा क्यों बढ़ता है? हमारी एक किताब में इन आयतों के बारे में कुछ इस तरह लिखा है, “यह ऐसा है मानो यहोवा खुद एक दस्तावेज़ पर दस्तखत (या साइन) करके वफादार इंसानों को यह गारंटी दे रहा है कि उन्हें भविष्य में ये आशीषें ज़रूर मिलेंगी।”b तो प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 में हम परमेश्‍वर का वादा पढ़ते हैं और आयत 5 और 6 में यहोवा अपना वादा पूरा करने की गारंटी देता है, मानो उस वादे के नीचे अपने दस्तखत करता है। यहोवा ने गारंटी देते वक्‍त जो बातें कहीं, आइए एक-एक करके उन पर गौर करें।

7. प्रकाशितवाक्य 21 की आयत 5 से कौन बोलना शुरू करता है और यह क्यों बहुत खास है?

7 परमेश्‍वर ने जो गारंटी दी है, उसकी शुरूआत इन शब्दों से होती है, “परमेश्‍वर ने, जो राजगद्दी पर बैठा था, कहा।” (प्रका. 21:5क) प्रकाशितवाक्य की किताब में ऐसे तीन किस्से बताए गए हैं जहाँ दर्शन में यहोवा बात कर रहा है और यह उन्हीं में से एक है। जी हाँ, यह गारंटी किसी ताकतवर स्वर्गदूत ने नहीं, ना ही स्वर्ग जाने के बाद यीशु ने दी, बल्कि खुद यहोवा ने दी है। इससे हमें आगे कही गयी बात पर यकीन करने की और भी ठोस वजह मिलती है। वह क्यों? क्योंकि यहोवा “झूठ नहीं बोल सकता।” (तीतु. 1:2) सच में, प्रकाशितवाक्य 21:5, 6 में लिखी बात पूरी तरह भरोसे के लायक है।

“देख! मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ”

8. यहोवा ने इस बात का कैसे यकीन दिलाया कि उसका वादा हर हाल में पूरा होगा? (यशायाह 46:10)

8 अब आइए शब्द “देख!” पर ध्यान दें। (प्रका. 21:5) जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “देख!” किया गया है, वह प्रकाशितवाक्य की किताब में कई बार आया है। बाइबल की जानकारी देनेवाली एक किताब में उस शब्द के बारे में कहा गया है कि उसका इस्तेमाल अकसर आगे कही जानेवाली बात पर ध्यान दिलाने के लिए किया जाता है। तो “देख!” कहने के बाद परमेश्‍वर ने क्या कहा? उसने कहा, “मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ।” वैसे तो यह वादा भविष्य में पूरा होगा, लेकिन परमेश्‍वर जानता है कि वह इसे हर हाल में पूरा करेगा। इसलिए उसने ने यह नहीं कहा, “मैं सबकुछ नया बनाऊँगा,”  बल्कि उसने कहा “मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ,”  मानो यह वादा अभी से पूरा होने लगा हो।​—यशायाह 46:10 पढ़िए।

9. (क) “मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ” शब्दों से यहोवा के किन दो कामों के बारे में पता चलता है? (ख) ‘पुराने आकाश’ और “पुरानी पृथ्वी” का क्या होगा?

9 अब आइए यहोवा के इन शब्दों को और अच्छी तरह समझें, “मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ।” (प्रका. 21:5) प्रकाशितवाक्य अध्याय 21 से पता चलता है कि जब यहोवा ने यह कहा, तो वह दो काम करने की बात कर रहा था। पहला काम वह ‘पुराने आकाश और पुरानी पृथ्वी को मिटा देगा।’ और दूसरा काम, वह इनकी जगह ‘एक नया आकाश और नयी पृथ्वी’ लाएगा। (प्रका. 21:1) ‘पुराने आकाश’ का मतलब है, इंसानी सरकारें जो शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों की मुट्ठी में हैं। (मत्ती 4:8, 9; 1 यूह. 5:19) और बाइबल में शब्द “पृथ्वी” या “धरती” का अकसर मतलब होता है, इस पर रहनेवाले लोग। (व्यव. 32:1; 1 इति. 16:31) इसलिए “पुरानी पृथ्वी” का मतलब हुआ, आज धरती पर रहनेवाले दुष्ट लोग। यहोवा ‘पुराने आकाश’ और “पुरानी पृथ्वी” में थोड़ा-बहुत सुधार नहीं करेगा, बल्कि इनका पूरी तरह सफाया कर देगा। और इनकी जगह वह ‘एक नया आकाश और नयी पृथ्वी’ लाएगा, यानी एक नयी सरकार और नेक इंसानों का एक नया समाज।

10. यहोवा क्या नया बनाएगा?

10 अब आइए गौर करें कि यहोवा जिन चीज़ों को “नया” बनाएगा, उनके बारे में उसने क्या कहा था। उसने यह नहीं कहा, “मैं सबकुछ दोबारा शुरू से  बना रहा हूँ,” बल्कि उसने कहा, “मैं सबकुछ नया  बना रहा हूँ।” (प्रका. 21:5) इसका मतलब यहोवा धरती और इंसानों की हालत इतनी अच्छी कर देगा कि वे एकदम नए जैसे हो जाएँगे। जैसे यशायाह ने भविष्यवाणी की थी, पूरी धरती अदन के बाग जैसी खूबसूरत और उपजाऊ हो जाएगी। हर इंसान परिपूर्ण हो जाएगा, हम सबको मानो एक नया जीवन मिल जाएगा। जो चल नहीं सकते, देख नहीं सकते या सुन नहीं सकते, वे सब पूरी तरह ठीक हो जाएँगे, यहाँ तक कि जिनकी मौत हो गयी है, उन्हें भी ज़िंदा कर दिया जाएगा।​—यशा. 25:8; 35:1-7.

“ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं। . . . ये वचन पूरे हो चुके हैं!”

11. यहोवा ने यूहन्‍ना से क्या करने को कहा और क्यों?

11 परमेश्‍वर ने अपनी बात पर यकीन दिलाने के लिए और क्या कहा? उसने यूहन्‍ना से कहा, “ये बातें लिख ले क्योंकि ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं।” (प्रका. 21:5) यहोवा ने यूहन्‍ना से सिर्फ यह नहीं कहा कि ये बातें “लिख ले,” बल्कि उसने उन्हें लिखने की वजह भी बतायी। उसने कहा, “ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं।” हम कितने खुश हैं कि यूहन्‍ना ने यहोवा की बात मानी और वे बातें ‘लिख लीं।’ इस वजह से आज हम फिरदौस के बारे में परमेश्‍वर का वादा पढ़ सकते हैं और वहाँ मिलनेवाली बढ़िया आशीषों पर मनन कर सकते हैं।

12. यहोवा का यह कहना क्यों सही है, “ये वचन पूरे हो चुके हैं!”

12 इसके बाद परमेश्‍वर कहता है, “ये वचन पूरे हो चुके हैं!” (प्रका. 21:6) यहोवा इस तरह बात करता है मानो फिरदौस लाने का उसका वादा पूरा हो चुका है। और उसका इस तरह बात करना सही भी है, क्योंकि उसे अपना मकसद पूरा करने से कोई भी नहीं रोक सकता। यहोवा इसके बाद कुछ और भी कहता है जिससे यह बात और भी पक्की हो जाती है कि उसका वादा हर हाल में पूरा होगा। उसने क्या कहा?

“मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ”

13. यहोवा ने यह क्यों कहा, “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ”?

13 जैसे शुरू में बताया गया था, यूहन्‍ना को दर्शन देते वक्‍त तीन मौकों पर यहोवा ने खुद उससे बात की। (प्रका. 1:8, फु.; 21:5, 6; 22:13) और उन तीनों मौकों पर यहोवा ने कहा, “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ” यानी ‘शुरूआत और अंत हूँ।’ “अल्फा” यूनानी अक्षरों में पहला अक्षर है और “ओमेगा” आखिरी अक्षर। तो जब यहोवा ने कहा कि “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ,” तो वह एक तरह से यह कह रहा था कि जब वह कोई काम शुरू करता है, तो उसे हर हाल में पूरा करता है।

तसवीरें: यहोवा का मकसद पूरा हो रहा है। 1. “अल्फा।” आदम और हव्वा अदन के बाग में हैं। 2. यहोवा के खिलाफ जाने के अंजाम दिखाए गए हैं। शैतान एक दुष्ट स्वर्गदूत बन गया है और आदम-हव्वा बूढ़े हो गए हैं। पीछे बाबेल की मीनार, एक कब्रिस्तान, सैनिक, एक टैंक, लड़ाकू विमान, फैक्ट्रियों से आनेवाला धुआँ और आंदोलन करनेवाले कुछ लोग दिख रहे हैं। दो और तसवीरों में दिखाया गया है कि यहोवा का मकसद कैसे पूरा हो रहा है। पहली तसवीर में यीशु को काठ पर लटका हुआ दिखाया गया है जिससे फिरौती के इंतज़ाम के बारे में पता चलता है। और दूसरी तसवीर में पुराने ज़माने के और आज के ज़माने के यहोवा के सेवकों को दिखाया गया है जो आदम-हव्वा की नेक संतानें हैं। 3. “ओमेगा।” लोग फिरदौस में साथ मिलकर काम कर रहे हैं और बहुत खुश हैं।

जब यहोवा कोई काम शुरू करता है, तो उसे पूरा भी करता है (पैराग्राफ 14, 17)

14. (क) एक उदाहरण दीजिए कि कब यहोवा ने मानो “अल्फा” कहा और कब वह “ओमेगा” कहेगा। (ख) उत्पत्ति 2:1-3 में क्या गारंटी दी गयी है?

14 आदम और हव्वा को बनाने के बाद यहोवा ने साफ-साफ बताया कि इंसानों और धरती के लिए उसका मकसद क्या है। बाइबल में लिखा है, “परमेश्‍वर ने उन्हें आशीष दी और उनसे कहा, ‘फूलो-फलो और गिनती में बढ़ जाओ, धरती को आबाद करो और इस पर अधिकार रखो।’” (उत्प. 1:28) इस तरह जब परमेश्‍वर ने अपना मकसद बताया, तो वह एक शुरूआत थी। उस वक्‍त यहोवा ने मानो “अल्फा” कहा। भविष्य में आदम और हव्वा की परिपूर्ण संतानों से पूरी धरती आबाद हो जाएगी, सभी यहोवा की आज्ञा मानेंगे और धरती एक खूबसूरत फिरदौस बन जाएगी। इस तरह आगे चलकर जब यहोवा का मकसद पूरा होगा, तब वह मानो “ओमेगा” कहेगा। जब यहोवा ने शुरू में “आकाश और पृथ्वी और जो कुछ उनमें है, उन सबको बनाने का काम पूरा” कर लिया था, तब उसने एक गारंटी दी थी। इसे हम उत्पत्ति 2:1-3 में पढ़ सकते हैं। (पढ़िए।) यहोवा ने ऐलान किया कि सातवाँ दिन पवित्र है। इसका मतलब, यहोवा ने सातवें दिन को अलग ठहराया ताकि वह पृथ्वी और इंसानों के लिए अपना मकसद पूरा कर सके। तो जब उसने सातवें दिन को पवित्र कहा, तो वह मानो यह गारंटी दे रहा था कि सातवें दिन के आखिर तक उसका मकसद पूरा हो चुका होगा।

15. शैतान को शायद ऐसा क्यों लगा होगा कि अब यहोवा का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा?

15 जब आदम और हव्वा ने बगावत की, तो वे पापी हो गए और उन्होंने अपनी संतानों को भी पाप और मौत विरासत में दी। (रोमि. 5:12) इस वजह से शैतान को शायद लगा हो कि अब परमेश्‍वर का मकसद कभी पूरा नहीं हो पाएगा, अब धरती पर परिपूर्ण इंसान कभी नहीं हो पाएँगे जो यहोवा की आज्ञा मानें। शैतान को शायद लगा होगा कि अब यहोवा कभी-भी “ओमेगा” नहीं कह पाएगा। उसने सोचा होगा अब यहोवा ज़्यादा कुछ नहीं कर सकता, वह यही कर सकता है कि आदम और हव्वा को मार डाले और एक और परिपूर्ण जोड़े को बनाए जो इंसानों के लिए उसका मकसद पूरा करे। लेकिन अगर परमेश्‍वर ऐसा करता, तो शैतान उस पर झूठा होने का इलज़ाम लगा सकता था। वह क्यों? क्योंकि जैसे उत्पत्ति 1:28 में लिखा है, यहोवा ने आदम और हव्वा से कहा था कि वह उनकी  संतानों से धरती को आबाद करेगा।

16. शैतान को यह क्यों लगा होगा कि वह यहोवा पर नाकामी का ठप्पा लगा सकता है?

16 हो सकता है, शैतान के मन में एक और बात आयी हो। शायद उसने सोचा हो कि यहोवा आदम और हव्वा को बच्चे पैदा करने देगा, लेकिन वे बच्चे कभी-भी परिपूर्ण नहीं हो पाएँगे। (सभो. 7:20; रोमि. 3:23) ऐसे में शैतान यहोवा पर नाकामी का ठप्पा लगा देता। वह क्यों? क्योंकि इस तरह परमेश्‍वर का मकसद पूरा नहीं हो पाता यानी यह धरती फिरदौस नहीं बन पाती और यहोवा की आज्ञा माननेवाले परिपूर्ण इंसानों से आबाद नहीं हो पाती।

17. (क) शैतान और इंसानों ने यहोवा से जो बगावत की, उसका यहोवा ने क्या हल निकाला? (ख) आखिर में क्या होगा? (तसवीर भी देखें।)

17 जब शैतान और आदम-हव्वा ने यहोवा से बगावत की, तो यहोवा ने अपना मकसद पूरा करने के लिए इतना बढ़िया हल निकाला कि शैतान हक्का-बक्का रह गया होगा। (भज. 92:5) यहोवा ने आदम और हव्वा को बच्चे पैदा करने दिए। इस तरह यहोवा ने साबित किया कि वह झूठा नहीं, बल्कि सच्चा है। यही नहीं, नाकाम होने के बजाय यहोवा की शानदार जीत हुई। क्योंकि उसने अपना मकसद पूरा करने के लिए एक “वंश” का इंतज़ाम किया जो आदम-हव्वा की संतानों को बचाने के लिए अपना बलिदान देता। (उत्प. 3:15; 22:18) शैतान ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि यहोवा कुछ ऐसा करेगा। वह क्यों? क्योंकि शैतान एक नंबर का स्वार्थी है और यहोवा का यह इंतज़ाम प्यार पर आधारित है, जिसमें उसका कोई स्वार्थ नहीं है। (मत्ती 20:28; यूह. 3:16) यहोवा के इस इंतज़ाम की वजह से क्या हो पाएगा? मसीह के हज़ार साल के राज के आखिर में धरती फिरदौस बन जाएगी और आदम-हव्वा की परिपूर्ण संतानों से भर जाएगी और वे सभी यहोवा की आज्ञा मानेंगे। शुरू में यहोवा ने इंसानों और धरती के लिए जो मकसद ठहराया था, वह पूरा हो जाएगा। तब यहोवा मानो कहेगा, “ओमेगा।”

फिरदौस के वादे पर अपना भरोसा कैसे बढ़ाएँ?

18. परमेश्‍वर ने अपने वादे पर यकीन करने की कौन-सी तीन वजह दी हैं? (“यहोवा के वादे पर यकीन करने की तीन वजह” नाम का बक्स भी देखें।)

18 इस लेख में हमने जाना कि हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा इस धरती को एक फिरदौस बना देगा। लेकिन जो लोग इस पर विश्‍वास नहीं करते, उन्हें हम कैसे यकीन दिला सकते हैं कि यहोवा अपना वादा ज़रूर पूरा करेगा? हम उन्हें इसकी तीन वजह बता सकते हैं। पहली, यहोवा ने खुद यह वादा किया है। प्रकाशितवाक्य की किताब में लिखा है, “परमेश्‍वर ने, जो राजगद्दी पर बैठा था, कहा, ‘देख! मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ।’” यहोवा के पास इतनी बुद्धि और ताकत है कि वह अपना वादा पूरा कर सकता है और वह ऐसा करना भी चाहता है। दूसरी वजह, यहोवा जानता है कि उसका वादा ज़रूर पूरा होगा, इसलिए वह यह बात ऐसे कहता है मानो यह पूरी हो चुकी हो। उसने कहा, “ये बातें . . . भरोसे के लायक और सच्ची हैं। . . . ये वचन पूरे हो चुके हैं!” और तीसरी वजह, जब यहोवा कुछ शुरू करता है, तो उसे हर हाल में पूरा भी करता है। तभी उसने कहा, “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ।” बहुत जल्द यहोवा यह साबित कर देगा कि शैतान झूठा है और उसकी चालें कभी कामयाब नहीं हो सकतीं।

यहोवा के वादे पर यकीन करने की तीन वजह

एक राजगद्दी से चकाचौंध कर देनेवाली रौशनी निकल रही है। यह यहोवा को दर्शाती है।
  • “परमेश्‍वर ने, जो राजगद्दी पर बैठा था, कहा, ‘देख! मैं सबकुछ नया बना रहा हूँ।’”​—प्रका. 21:5

प्रेषित यूहन्‍ना एक खर्रे पर कुछ लिख रहा है।
  • “उसने यह भी कहा, ‘ये बातें लिख ले क्योंकि ये भरोसे के लायक और सच्ची हैं। . . . ये वचन पूरे हो चुके हैं!’”​—प्रका. 21:5, 6

यूनानी अक्षर अल्फा और ओमेगा।
  • “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ।”​—प्रका. 21:6

19. जब कोई फिरदौस के बारे में परमेश्‍वर के वादे पर यकीन ना करे, तो आप क्या कर सकते हैं?

19 हर बार प्रचार करते वक्‍त जब भी हम किसी को परमेश्‍वर की इस गारंटी के बारे में बताते हैं, तो यहोवा के वादों पर हमारा भरोसा और बढ़ जाता है। तो अगली बार जब आप किसी को प्रकाशितवाक्य 21:4 पढ़कर बता रहे हों कि फिरदौस में परमेश्‍वर क्या-क्या करेगा और वह आपसे कहे, “यह सुनने में तो बहुत अच्छा लग रहा है, पर मुझे नहीं लगता ऐसा होगा,” तो आप उससे क्या कह सकते हैं? आप चाहें तो उसे आयत 5 और 6 पढ़कर समझा सकते हैं। आप उसे बता सकते हैं कि यहोवा ने अपना वादा पूरा करने की गारंटी दी है और उस वादे पर मानो खुद अपने दस्तखत किए हैं।​—यशा. 65:16.

आपका जवाब क्या होगा?

  • यह जानकर क्यों हमारा हौसला बढ़ता है कि फिरदौस का वादा खुद यहोवा ने किया है?

  • किन बातों से हमारा यकीन बढ़ता है कि परमेश्‍वर का वादा ज़रूर पूरा होगा?

  • हम परमेश्‍वर के वादे पर अपना भरोसा कैसे बढ़ा सकते हैं?

गीत 145 फिरदौस​—यहोवा का वादा

a यहोवा ने फिरदौस लाने का जो वादा किया है, उसे वह ज़रूर पूरा करेगा। उसने इस बात की गारंटी दी है। इस लेख में हम इसी गारंटी के बारे में चर्चा करेंगे। जब भी हम इस गारंटी के बारे में दूसरों को बताते हैं, तो यहोवा के वादों पर हमारा भरोसा बढ़ जाता है।

b रेवलेशन​—इट्‌स ग्रैंड क्लाइमैक्स एट हैंड!  किताब के पेज 303-304, पैराग्राफ 8-9 पढ़ें।

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