अध्ययन के लिए सुझाव
आईने का अच्छे-से इस्तेमाल कीजिए
याकूब ने कहा कि परमेश्वर का वचन आईने की तरह है। इससे हम खुद की जाँच कर सकते हैं कि हम अंदर से कैसे हैं। (याकू. 1:22-25) हमें इस आईने का अच्छे-से इस्तेमाल करना है। हम यह कैसे कर सकते हैं?
ध्यान से पढ़िए। अगर हम बस एक पल के लिए आईना देखकर चले जाएँ, तो शायद हमें कोई कमी नज़र ना आएँ। उसी तरह अगर हम जल्दबाज़ी में बाइबल पढ़ें, तो शायद हमें समझ ना आए कि हमें अपने अंदर क्या-क्या सुधार करने हैं। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम परमेश्वर के वचन को करीब से जाँचें, इसे ध्यान से पढ़ें।
दूसरों को नहीं, खुद को देखिए। कभी-कभी हम आईना इस तरह पकड़ते हैं कि हमें उसमें दूसरे लोग नज़र आते हैं और उनकी कमियाँ दिखने लगती हैं। उसी तरह हो सकता है, बाइबल पढ़ते वक्त हम दूसरों के बारे में सोचने लगें और हमें उनकी कमियाँ नज़र आने लगें। लेकिन ऐसा करने से हमें कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि हम अपने अंदर कोई सुधार नहीं कर पाएँगे।
अपने बारे में सही सोच रखिए। अगर हम आईने में सिर्फ अपनी कमियाँ ही देखें, तो हम निराश हो जाएँगे। बाइबल पढ़ते वक्त भी हमें सिर्फ अपनी कमियों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि यहोवा हमसे बहुत ज़्यादा की उम्मीद नहीं करता और हमें भी नहीं करनी चाहिए।—याकू. 3:17.