18 “देखो! मेरा सेवक+ जिसे मैंने चुना है। मेरा प्यारा, जिसे मैंने मंज़ूर किया है!+ मैं उस पर अपनी पवित्र शक्ति उँडेलूँगा+ और वह राष्ट्रों को साफ-साफ दिखाएगा कि सच्चा न्याय क्या होता है।
18 “देखो! मेरा सेवक+ जिसे मैंने चुना है। मेरा प्यारा, जिसे मैंने मंज़ूर किया है!+ मैं उस पर अपनी पवित्र शक्ति उँडेलूँगा+ और वह राष्ट्रों को साफ-साफ दिखाएगा कि सच्चा न्याय क्या होता है।