4 और बाज़ार से लौटने पर वे तब तक नहीं खाते जब तक कि वे पानी से खुद को शुद्ध न कर लें। ऐसी कई और परंपराएँ उन्हें मिली हैं जिन्हें वे सख्ती से मानते हैं। जैसे प्यालों, सुराहियों और ताँबे के बरतनों को पानी में डुबकी दिलाना।)+
4 और बाज़ार से लौटने पर वे तब तक नहीं खाते जब तक कि वे पानी से खुद को शुद्ध न कर लें। ऐसी कई और परंपराएँ उन्हें मिली हैं जिन्हें वे सख्ती से मानते हैं। जैसे प्यालों, सुराहियों और ताँबे के बरतनों को पानी में डुबकी दिलाना।)+