48 वह उस आदमी के जैसा है, जिसने एक घर बनाने के लिए गहराई तक खुदाई की और चट्टान पर नींव डाली। इसलिए जब बाढ़ आयी और नदी की तेज़ धाराएँ उस घर से टकरायीं, तो वे उसे हिला न सकीं क्योंकि उसकी नींव मज़बूत थी।+
48 वह उस आदमी के जैसा है, जिसने एक घर बनाने के लिए गहराई तक खुदाई की और चट्टान पर नींव डाली। इसलिए जब बाढ़ आयी और नदी की तेज़ धाराएँ उस घर से टकरायीं, तो वे उसे हिला न सकीं क्योंकि उसकी नींव मज़बूत थी।+