27 ध्यान दो कि सोसन के फूल कैसे उगते हैं। वे न तो कड़ी मज़दूरी करते हैं न ही सूत कातते हैं। मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान भी जब अपने पूरे वैभव में था, तो इनमें से किसी एक की तरह भी सज-धज न सका।+
27 ध्यान दो कि सोसन* के फूल कैसे उगते हैं। वे न तो कड़ी मज़दूरी करते हैं न ही सूत कातते हैं। मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान भी जब अपने पूरे वैभव में था, तो इनमें से किसी एक की तरह भी सज-धज न सका।+