13 मगर कर-वसूलनेवाला दूर खड़ा था। उसे आकाश की तरफ नज़र उठाने की हिम्मत भी नहीं हुई, बल्कि वह छाती पीटते हुए कहता रहा, ‘हे परमेश्वर, मुझ पापी पर दया कर।’+
13 मगर कर-वसूलनेवाला दूर खड़ा था। उसे आकाश की तरफ नज़र उठाने की हिम्मत भी नहीं हुई, बल्कि वह छाती पीटते हुए कहता रहा, ‘हे परमेश्वर, मुझ पापी पर दया* कर।’+