4 वह डर के मारे दूत को देखता रह गया और उसने कहा, “प्रभु, क्या हुआ?” दूत ने उससे कहा, “परमेश्वर ने तेरी प्रार्थनाएँ सुनी हैं और जो दान तू देता है उन पर ध्यान दिया है।+
4 वह डर के मारे दूत को देखता रह गया और उसने कहा, “प्रभु, क्या हुआ?” दूत ने उससे कहा, “परमेश्वर ने तेरी प्रार्थनाएँ सुनी हैं और जो दान तू देता है उन पर ध्यान दिया है।+