5 “जब मैं याफा शहर में प्रार्थना कर रहा था, तो मुझ पर बेसुधी छा गयी और मैंने एक दर्शन देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसा कुछ* आकाश से नीचे आ रहा है। उसे चारों कोनों से पकड़कर धरती पर उतारा जा रहा था और वह बिलकुल मेरे पास आ गया।+
5 “जब मैं याफा शहर में प्रार्थना कर रहा था, तो मुझ पर बेसुधी छा गयी और मैंने एक दर्शन देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसा कुछ* आकाश से नीचे आ रहा है। उसे चारों कोनों से पकड़कर धरती पर उतारा जा रहा था और वह बिलकुल मेरे पास आ गया।+