25 मगर जब यूहन्ना अपनी सेवा के आखिरी समय में पहुँचा तो वह कहता था, ‘तुम्हें क्या लगता है, मैं कौन हूँ? मैं वह नहीं हूँ। मगर देखो! मेरे बाद वह आ रहा है जिसके पैरों की जूतियाँ तक खोलने के मैं लायक नहीं।’+
25 मगर जब यूहन्ना अपनी सेवा के आखिरी समय में पहुँचा तो वह कहता था, ‘तुम्हें क्या लगता है, मैं कौन हूँ? मैं वह नहीं हूँ। मगर देखो! मेरे बाद वह आ रहा है जिसके पैरों की जूतियाँ तक खोलने के मैं लायक नहीं।’+