21 क्योंकि वे परमेश्वर को जानते तो थे, फिर भी उन्होंने उसकी वैसी बड़ाई न की जैसी करनी चाहिए, न ही उसका धन्यवाद किया, बल्कि खोखली और मूर्खता से भरी बातें सोचने लगे और उनका निर्बुद्धि मन अंधकार से भर गया।+
21 क्योंकि वे परमेश्वर को जानते तो थे, फिर भी उन्होंने उसकी वैसी बड़ाई न की जैसी करनी चाहिए, न ही उसका धन्यवाद किया, बल्कि खोखली और मूर्खता से भरी बातें सोचने लगे और उनका निर्बुद्धि मन अंधकार से भर गया।+