34 कौन उन्हें सज़ा के लायक ठहरा सकता है? कोई नहीं। क्योंकि मसीह यीशु ने अपनी जान दी, यही नहीं, उसे मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया, वह परमेश्वर के दाएँ हाथ बैठा है+ और वही हमारी खातिर बिनती भी करता है।+
34 कौन उन्हें सज़ा के लायक ठहरा सकता है? कोई नहीं। क्योंकि मसीह यीशु ने अपनी जान दी, यही नहीं, उसे मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया, वह परमेश्वर के दाएँ हाथ बैठा है+ और वही हमारी खातिर बिनती भी करता है।+