18 इसलिए तू घमंड से भरकर* उन टूटी डालियों को नीचा मत समझ। अगर तू घमंड करता है,*+ तो याद रख कि तू जड़ को नहीं सँभाले हुए है, बल्कि जड़ तुझे सँभाले हुए है।
18 इसलिए तू घमंड से भरकर* उन टूटी डालियों को नीचा मत समझ। अगर तू घमंड करता है,*+ तो याद रख कि तू जड़ को नहीं सँभाले हुए है, बल्कि जड़ तुझे सँभाले हुए है।