27 बल्कि मैं अपने शरीर को मारता-कूटता* हूँ+ और उसे एक दास बनाकर काबू में रखता हूँ ताकि दूसरों को प्रचार करने के बाद मैं खुद किसी वजह से अयोग्य न ठहरूँ।
27 बल्कि मैं अपने शरीर को मारता-कूटता* हूँ+ और उसे एक दास बनाकर काबू में रखता हूँ ताकि दूसरों को प्रचार करने के बाद मैं खुद किसी वजह से अयोग्य न ठहरूँ।