2 जो दूसरी भाषा बोलता है वह इंसानों से नहीं बल्कि परमेश्वर से बात करता है, क्योंकि वह पवित्र शक्ति के ज़रिए पवित्र रहस्य+ बताता तो है मगर कोई समझता नहीं।+
2 जो दूसरी भाषा बोलता है वह इंसानों से नहीं बल्कि परमेश्वर से बात करता है, क्योंकि वह पवित्र शक्ति के ज़रिए पवित्र रहस्य+ बताता तो है मगर कोई समझता नहीं।+