16 और परमेश्वर के मंदिर का मूरतों+ के साथ क्या समझौता? इसलिए कि हम जीवित परमेश्वर का एक मंदिर हैं,+ ठीक जैसा परमेश्वर ने कहा है, “मैं उनके बीच निवास करूँगा+ और उनके बीच चलूँगा-फिरूँगा और मैं उनका परमेश्वर बना रहूँगा और वे मेरे लोग बने रहेंगे।”+
16 और परमेश्वर के मंदिर का मूरतों+ के साथ क्या समझौता? इसलिए कि हम जीवित परमेश्वर का एक मंदिर हैं,+ ठीक जैसा परमेश्वर ने कहा है, “मैं उनके बीच निवास करूँगा+ और उनके बीच चलूँगा-फिरूँगा और मैं उनका परमेश्वर बना रहूँगा और वे मेरे लोग बने रहेंगे।”+