12 मैंने जो चिट्ठी लिखी वह उसकी वजह से नहीं थी जिसने बुरा काम किया था,+ न ही उसकी वजह से लिखी जिसके साथ अन्याय हुआ था। बल्कि मैंने इसलिए लिखा ताकि परमेश्वर के सामने यह साबित हो कि तुम हमारी बात मानने के लिए कितने उत्सुक हो।
12 मैंने जो चिट्ठी लिखी वह उसकी वजह से नहीं थी जिसने बुरा काम किया था,+ न ही उसकी वजह से लिखी जिसके साथ अन्याय हुआ था। बल्कि मैंने इसलिए लिखा ताकि परमेश्वर के सामने यह साबित हो कि तुम हमारी बात मानने के लिए कितने उत्सुक हो।