10 हम रात-दिन गिड़गिड़ाते हुए परमेश्वर से मिन्नतें करते हैं कि किसी तरह तुम्हें आमने-सामने* देख पाएँ और तुम्हारे विश्वास में जो कमी है उसे पूरा कर पाएँ।+
10 हम रात-दिन गिड़गिड़ाते हुए परमेश्वर से मिन्नतें करते हैं कि किसी तरह तुम्हें आमने-सामने* देख पाएँ और तुम्हारे विश्वास में जो कमी है उसे पूरा कर पाएँ।+