4 वह विरोध करता है और ईश्वर कहलानेवाले हर किसी से और उपासना की जानेवाली हर चीज़* से खुद को ऊँचा उठाता है और इस तरह वह ईश्वर के मंदिर में बैठकर सबके सामने खुद को ईश्वर बताता है।
4 वह विरोध करता है और ईश्वर कहलानेवाले हर किसी से और उपासना की जानेवाली हर चीज़* से खुद को ऊँचा उठाता है और इस तरह वह ईश्वर के मंदिर में बैठकर सबके सामने खुद को ईश्वर बताता है।