2 और जो बातें तूने मुझसे सुनी हैं और जिसकी बहुतों ने गवाही दी है,+ वे बातें विश्वासयोग्य आदमियों को सौंप दे ताकि वे बदले में दूसरों को सिखाने के लिए ज़रूरत के हिसाब से योग्य बनें।
2 और जो बातें तूने मुझसे सुनी हैं और जिसकी बहुतों ने गवाही दी है,+ वे बातें विश्वासयोग्य आदमियों को सौंप दे ताकि वे बदले में दूसरों को सिखाने के लिए ज़रूरत के हिसाब से योग्य बनें।