15 तू अपना भरसक कर ताकि तू खुद को परमेश्वर के सामने ऐसे सेवक की तरह पेश कर सके जिसे परमेश्वर मंज़ूर करे और जिसे अपने काम पर शर्मिंदा न होना पड़े और जो सच्चाई के वचन को सही तरह से इस्तेमाल करता हो।+
15 तू अपना भरसक कर ताकि तू खुद को परमेश्वर के सामने ऐसे सेवक की तरह पेश कर सके जिसे परमेश्वर मंज़ूर करे और जिसे अपने काम पर शर्मिंदा न होना पड़े और जो सच्चाई के वचन को सही तरह से इस्तेमाल करता हो।+