9 सिखाने की कला के मामले में वह विश्वासयोग्य वचन* को मज़बूती से थामे रहता हो+ ताकि वह न सिर्फ खरी* शिक्षा देकर हौसला बढ़ाए+ बल्कि जो इस शिक्षा का विरोध करते हैं उन्हें सुधारे भी।+
9 सिखाने की कला के मामले में वह विश्वासयोग्य वचन* को मज़बूती से थामे रहता हो+ ताकि वह न सिर्फ खरी* शिक्षा देकर हौसला बढ़ाए+ बल्कि जो इस शिक्षा का विरोध करते हैं उन्हें सुधारे भी।+