12 यह हमें सिखाती है कि हम भक्तिहीन कामों और दुनियावी इच्छाओं को ठुकराएँ+ और इस दुनिया* में सही सोच रखते हुए और नेकी और परमेश्वर की भक्ति के साथ जीवन बिताएँ।+
12 यह हमें सिखाती है कि हम भक्तिहीन कामों और दुनियावी इच्छाओं को ठुकराएँ+ और इस दुनिया* में सही सोच रखते हुए और नेकी और परमेश्वर की भक्ति के साथ जीवन बिताएँ।+