5हरेक महायाजक इंसानों में से लिया जाता है और उसे इंसानों की खातिर परमेश्वर की सेवा में ठहराया जाता है+ ताकि वह भेंट और पापों के प्रायश्चित के लिए बलिदान चढ़ाया करे।+
5हरेक महायाजक इंसानों में से लिया जाता है और उसे इंसानों की खातिर परमेश्वर की सेवा में ठहराया जाता है+ ताकि वह भेंट और पापों के प्रायश्चित के लिए बलिदान चढ़ाया करे।+