11 अगर कोई बोलता है तो परमेश्वर के पवित्र वचन बोले। अगर कोई सेवा करता है तो उस शक्ति पर निर्भर होकर करे जो परमेश्वर देता है+ ताकि सब बातों में यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्वर की महिमा हो।+ महिमा और शक्ति हमेशा-हमेशा के लिए उसी की है। आमीन।
11 अगर कोई बोलता है तो परमेश्वर के पवित्र वचन बोले। अगर कोई सेवा करता है तो उस शक्ति पर निर्भर होकर करे जो परमेश्वर देता है+ ताकि सब बातों में यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्वर की महिमा हो।+ महिमा और शक्ति हमेशा-हमेशा के लिए उसी की है। आमीन।