5 इसलिए हे औरत, मैं तुझसे इस आज्ञा को मानने की गुज़ारिश करता हूँ कि हम एक-दूसरे से प्यार करें। (मैं तुझे कोई नयी आज्ञा नहीं लिख रहा बल्कि वही आज्ञा लिख रहा हूँ जो हमारे पास शुरू से थी।)+
5 इसलिए हे औरत, मैं तुझसे इस आज्ञा को मानने की गुज़ारिश करता हूँ कि हम एक-दूसरे से प्यार करें। (मैं तुझे कोई नयी आज्ञा नहीं लिख रहा बल्कि वही आज्ञा लिख रहा हूँ जो हमारे पास शुरू से थी।)+